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भिंड

किले में हो रहा शासकीय कन्या महाविद्यालय का संचालन

कॉलेज भवन के लिए नहीं मिली भूमि, जो मिली उस पर लगी आपत्ति

भिंडJan 12, 2020 / 11:17 pm

Rajeev Goswami

किले में हो रहा शासकीय कन्या महाविद्यालय का संचालन

किले में हो रहा शासकीय कन्या महाविद्यालय का संचालन

भिण्ड. 30 साल की लंबी अवधि के बाद भी शासकीय गल्र्स कालेज भिण्ड को भवन का निर्माण कराने के लिए अभी तक भूमि नहीं मिल पाई है। तीन साल पहले आवंटित भूमि पर उद्योग विभाग की ओर से आपत्ति दर्ज करा दिए जाने के बाद से प्रस्ताव ठंडे बस्ते में है। वर्तमान में इस कालेज का संचालन करीब 500 साल पुराने भदावर कालीन किला परिसर के एक हिस्से में किया जा रहा है। कालेज में अध्ययनरत छात्राओं की संख्या 350 के आसपास है।
शासन स्तर से भिण्ड के लिए सन 1989 में शासकीय गल्र्स कालेज संचालित करने की स्वीकृत मिली थी। तभी से कालेज भवन का संचालन 500 साल पुराने भदावर कालीन किले के एक हिस्से में किया जा रहा है। जर्जर हो चुके भवन की मरम्मत पर ही उ”ा शिक्षा विभाग अब तक लाखों की राशि खर्च कर चुका है। 2009 में कालेज प्रशासन ने पहली बार नए भवन के निर्माण के लिए कलेक्टर से भूमि की डिमांड की थी लेकिन काफी कोशिश करने के बाद भी जमीन का आवंटन नहीं हो पाया है। वर्ष 2017 में तत्कालीन कलेक्टर डा. इलैया राजा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधीनस्थों को भूमि का चयन करने के निर्देश दिए थे। कालेज को नगरपालिका सीमा में शासकीय खसरा क्रं. 3298 रकवा 0.575 में से 0.225 हैैक्टेयर भूमि कलेक्टर ने आवंटित कर दी है। कलेक्टर ने प्राचार्य को सीमांकन कराने के बाद उक्त भूमि का कब्जा सौंपने के आदेश जारी कर दिए थे लेकिन तभी उद्योग विभाग ने भूमि के स्वामित्व को लेकर आपत्ति दर्ज करा दी और मामला अधर में लटक गया। वर्तमान में 50 फीसदी जमीन का खसरा कालेज प्रशासन को मिल गया है, लेकिन शेष के लिए प्रकरण कलेक्टर कोर्ट में विचाराधीन है। कलेक्टर ने खसरा जारी करने पर भी रोक लगा रखी है।
गल्र्स कालेज भवन निर्माण के लिए शासन ने करीब 3.74 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं लेकिन भूमि की समस्या समाधान न होने से छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह महाविद्यालय जिले का इकलौता शासकीय कन्या महाविद्यालय होने के कारण कक्षा 12 पास करने के बाद अधिकांश छात्राएं इसी में दाखिला लेती है। एक ओर शासन की ओर से बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ का नारा दिया दिया जा रहा है दूसरी और एक कन्या महाविद्यालय को तीस साल बादभी भूमि के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
कंडम हो चुके हैं किला परिसर के भवन

500 साल पहले निर्मित भदावर कालीन किला में निर्मित भवनों को 36 साल पूर्व ही लोनिवि द्वारा कंडम घोषित किया जा चुका है। 1984 से पूर्व किला परिसर में ही कलेक्टे्रट तथा अन्य एक दर्जन से अधिक रा’य सरकार के कार्यालय थे । लेकिन अब अधिकांश भवन अपने नए भवनों में शिफ्ट हो गए है। वर्तमान में सिर्फ उपसंचालक कृषि, मत्स्य पालन, रोजगार कार्यालय, शासकीय कन्या महाविद्यालय ही रह गए हैं।
-कालेज को भवन बनाने के लिए 0.225 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन उद्योग विभाग द्वारा आपत्ति लगा दी। उनका दावा 50 फीसदी जमीन पर है जो वह देना नहीं चाह रहा। प्रकरण कलेक्टर कोर्ट में विचाराधीन है। कई छात्राएं विज्ञान पढऩा चाहती है।लेकिन संकाय खोलने के लिए हमारे पास जगह नहीं है।
प्रो. सुधीर दीक्षित प्राचार्य शासकीय गल्र्स कालेज भिण्ड

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