टेसू की शादी के लिए गली मोहल्लों में बच्चे सात दिनों तक मिट्टी के बने टेसू और झिंझिया रानी का विवाह की तैयारी करते हैं। बच्चे घर-घर जाकर शादी के लिए चंदा इकट्ठा करके शरद पूर्णिमा के दिन शादी का कार्यक्रम आयोजित करते हैं। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस परंपरा के बरकरार रखा गया है। हर घर में चंदा मिले इसके लिए बच्चे मनोरंजन के लिए गाना भी गाते हैं।
सातवें फेरे से पहले तोड़ देते हैं टेसू का सिर शरद पूर्णिमा के दिन शादी का कार्यक्रम अटेर रोड के बड़े हनुमान मंदिर परिसर में किया गया। शादी के दौरान सातवें फेरे से पहले ही टेसू का सिर तोड़ देते है। वहीं पति के वियोग में झिंझिया रानी भी सती हो जाती है। टेसू और झिंझिया रानी के विवाह के दौरान वर पक्ष और वधू पक्ष से लोग शामिल हुए। इसमें वधू पक्ष से गिरजा शर्मा, आशा शर्मा, ममता श्रीवास्तव, सुनीता समाधिया, निर्मला पाठक, मुन्नी श्रीवास्तव शामिल हुए। वहीं वर पक्ष टेसू की ओर से अमित बरुआ, आनंद जैन, कान्हा शर्मा, संजय शर्मा, रामू शर्मा, रोहित समाधिया, अभिषेक यादव, रिंकू कुशवाह, मधूसूदन शर्मा आदि शामिल हुए। शादी का कार्यक्रम विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। इसमें पंडित बब्लू शर्मा ने ही विवाह कराया।