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भिंड

जितना समय पर्चा बनवाने में उतनी ही देर डॉक्टर को दिखाने में

बदले मौसम का असर ओपीडी पहुंची डेढ़ हजार के करीब, बढ़े सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल के मरीज

भिंडOct 14, 2019 / 11:44 pm

Rajeev Goswami

जितना समय पर्चा बनवाने में उतनी ही देर डॉक्टर को दिखाने में

जितना समय पर्चा बनवाने में उतनी ही देर डॉक्टर को दिखाने में

भिण्ड. झमाझम बारिश के बाद बदले मौसम ने जिले में मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या में इजाफा कर दिया है। आलम यह है कि महज सात दिन में ही जिला अस्पताल में ओपीडी 1400 को पार कर गई है जो कि पूर्व में 680 के आसपास थी। इन दिनों जिला अस्तपाल में सर्दी, खांसी, जुकाम, वायरल के मरीजों की लाइन लगी हैं। हालात यह हैं कि मरीजों के परिजनों को पर्चा बनवाने में भी आधा से एक घंटे का समय लग रहा है। जितना समय पर्चा बनवाने में लग रहा है उतना ही समय डॉक्टर को दिखाने में लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि मौसम में आए बदलाव और तापमान में आ रही गिरावट के चलते जिले में इन दिनों नजला, बुखार एवं खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सप्ताह पूर्व जहां जिला अस्पताल की ओपीडी में 680 मरीज दर्ज किए गए थे वहीं 14 अक्टूबर को 1450 मरीजों की संख्या दर्ज की गई है। यानी कि एक सप्ताह में जिला अस्पताल की ओपीडी दोगुनी हो गई।
आलम ये है कि पर्चा बनवाने से लेकर डॉक्टर से चिकित्साह सलाह लेने तक के लिए मरीजों को घंटों कतारबद्ध होना पड़ रहा है। लिहाजा इस स्थिति में बुजुर्र्गों, महिलाओं एवं ब”ाों को बेहद परेशानी हो रही है। पर्चा बनवाने के लिए समय से पहले खिडक़ी पर पहुंचना पड़ रहा है उसके बाद एक से 45 मिनट से एक घंटे के बीच पर्चा बनने का नंबर आ रहा है। कमोवेश यही हाल डॉक्टरों से चिकित्सीय सलाह लेने के दौरान हो रहा है। महिला रोग, बाल रोग आदि विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाने के लिए मरीज कतार में खड़े-खड़े जब थक जाते हैं तो फर्श पर ही बैठ जाते हैं। हैरानी की बात ये है कि उनका नंबर आए बिना ही चिकित्सक अपनी सीट से उठ जाते हैं। वजह ये है कि एक तो चिकित्सक समय पर सीट पर नहीं बैठते और देर सवेर आ जाएं तो सभी मरीजों को देखे बिना ही निकल जाते हैं। यहां बतादें कि जिला अस्पताल से ग्वालियर के लिए रैफर किए जाने वाले मरीजों के लिए सरकारी एंबुलेंस अक्सर उपलब्ध नहीं हो पाती है जबकि प्राइवेट एंबुलेंस सहज तरीके से उपलब्ध हो रहीं हैं। जिससे मरीजों के परिजनों को खासी परेशानी हो रही है।
ये बरतें सावधानी

-’यादा सर्दी वाली जगह पर देर तक न रहें। फ्रिज का पानी न पीएं।ड्डजुकाम या बुखार पीडि़त व्यक्ति के छींकते या खांसते वक्त उचित फासला रखें। ड्डनहाते वक्त गर्म पानी का उपयोग करें।ड्डखाना गर्म खाएं, जुकाम ग्रसित व्यक्ति को बीच-बीच हाथ धोते रहना चाहिए।ड्डभीड़ में जाते वक्त नाक पर रूमाल रखें क्यों कि वायरस श्वसन के जरिए दूसरों के शरीर में प्रवेश हो जाते हैं।
खल रही चिकित्सकों की कमी

लंबे समय से जिला अस्पताल में चिकित्सकों के अलावा पैरा मेडीकल स्टाफ की कमी बनी हुई है। इसका खामियाजा गरीब तबके के मरीजों को न सिर्फ परेशान होकर बल्कि कभी-कभी जान देकर भी चुकाना पड़ रहा है। शासन को लगातार अवगत कराए जाने के बाद भी चिकित्सकों की कमी पूरी नहीं की जा रही है। शासन द्वारा लगातार अनदेखी किए जाने के परिणाम स्वरूप लगातार तीन बार प्रदेश में नंबर 01 आने वाला जिला अस्पताल में फिलहाल व्यवस्थाएं लडख़ड़ाई हुई हैं।
-आम दिनों में इतनी भीड़ नहीं होती है लेकिन कुछ दिनों से जुकाम तथा वायरल फीवर फैलने से मरीजों की संख्या बढऩे से अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है।

डॉ. अजीत मिश्रा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल भिण्ड
-10 किमी दूर से इलाज के लिए अस्पताल आए हैं। जहां एक घंटे से पर्चा बनवाने के लिए कतार में थे अब डॉक्टर को दिखाने के लिए कतार में हैं। ऐसा पता होता तो अस्पताल आता ही नहीं।
बद्री प्रसाद, निवासी ग्राम अमलेंड़ा

-दो घंटे हो गए हैं पर्चा तो बन गया लेकिन डॉक्टर के पास पहुंचने में अभी पता नहीं कितना वक्त लगने वाला है। इतनी अव्यवस्था है कि अस्पताल जाने का मन नहीं करता।
दुर्गा देवी, निवासी बैरागपुरा

-सुबह बिना चाय नाश्ता किए दवा लेने के लिए आ गया था। दोपहर हो चला है न दवा मिली है और ना ही डॉक्टर से सलाह। हाथ में पर्चा लिए खड़ा हूं। लगता है बिना इलाज के ही लौटना पड़ेगा।
जसवंत सिंह, निवासी अटेर रोड

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