यहां बता दें कि सुभाष सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी खेराहट 26 एवं 27 मार्च की रात ट्रक एमपी 06 एचसी 0729 में इटावा से ईंटे भरकर लाया था। गृहगांव के पास पहुंचने पर अचानक ट्रक में आग लग गई थी। इस दौरान चालक व परिचालक ने कूदकर अपनी जान बचा ली जबकि केबिन में सो रहे सुभाष सिंह झुलस गए थे। झुलसी अवस्था में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें ग्वालियर के लिए रैफर कर दिया गया था। इलाज के दौरान सुभाष सिंह की बीती रात मौत हो गई। गुरुवार दोपहर दो बजे उसके शव को लाकर परिजनों ने थाना परिसर में रख दिया और ट्रक चालक तथा ट्रक के हिस्सेदार स्वामी के खिलाफ एफआईआर की मांग लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
षडय़ंत्र पूर्वक जलाकर की गई हत्या मृतक के चचेरे भाई नाथू सिंह का आरोप है कि उसके भाई सुभाष सिंह भदौरिया की षडय़ंत्र पूर्वक हत्या की गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि सुभाष सिंह के झुलस जाने के बाद ट्रक मालिक बृजेश सिंह भदौरिया, चालक सत्यभान सिंह व भूटान सिंह पुत्र छोटे सिंह भदौरिया उसे उत्तर प्रदेश के सैंफई ले गए जबकि मीडिया को गुमराह कर बताया कि उसे ग्वालियर ले जा रहे हैं। इतना ही नहीं बीमा दावा भुगतान लेने के इरादे से ट्रक में आग लगाई गई थी। जिससे उसकी मौत हो गई।
साढ़े तीने घंटे के बाद माने परिजन शाम चार से देरशाम साढ़े सात बजे तक एसडीएम सिद्धार्थ पटेल, तहसीलदार शिवदयाल धाकड़, एसडीओपी आरपी मिश्रा, फूप टीआई ने परिजनों को शव ले जाने के लिए समझाया। लेकिन परिजन जब तक आरोपियों पर एफआईआर नहीं की जाती तब तक वे थाना परिसर से शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाएंगे की जिद पर अड़े रहे। अधिकारियों की लगातार समझाइश पर परिजन देरशाम करीब साढ़े सात बजे मान गए और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
200 ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव सुभाष सिंह भदौरिया की मौत से गुस्साए परिजनों के अलावा करीब 200 ग्रामीणजनों ने अटेर थाने का घेराव किया। इस मौके पर मृतक की पत्नी ने भी केस दर्ज करने की पुलिस से गुहार लगाई। लेकिन पुलिस एक ही बात कहती रही कि अस्पताल से मर्ग डायरी आने के उपरांत जांच के बाद केस दर्ज किया जाएगा।
-परिजनों को समझाइश दी है कि मर्ग डायरी आने और जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। आरपी मिश्रा, एसडीओपी अटेर