इस बार औसत से अधिक बारिश होने के बाद भी भू-जल स्तर को संरक्षित करने के लिए कोई ठोस उपाय न किए जाने से समस्या साल दर साल गंभीर होती जा रही है। शहर में 1075 हैंडपंप और 61 नलकूप नपा के ही हैं। यदि प्राइवेट बोरों की संख्या को भी जोड़ लिया जाए तो यह संख्या पांच हजार को भी पार कर जाएगी। गर्मी के मौसम में भूजल को संरक्षित करने के लिए हर साल बोरों पर रोक लगा दी जाती है इसके बाद भी हर साल दो सैकड़ा से अधिक नए बोर हो जाते हैं। भू-गर्भीय जल का क्षमता से अधिक दोहन करने के कारण गर्मी की आहट के साथ ही पेयजल संकट गहराने लगता है। 40 फीसदी से अधिक सरकारी हैंडपंप या तो पानी देना छोड़ गए हैं या फिर उनमें पानी के साथ रेत निकलने लगा है। करीब ढाई सौ से अधिक हंैंडपंप तकनीकि खराबी से पहले से ही बंद पड़े हैं। सैनिक कालोनी, वीरेंद्र नगर, आर्यनगर, भीमनगर, कुम्हरौआ रोड, हाउसिंग कालोनी, वाटरवक्र्स, पार्क मोहल्ला, शास्त्रीनगर ए तथा बी ब्लाक, यदुनाथ नगर,चतुर्वेदी नगर, गोविंदनगर, गांधीनगर, बीटीआई रोड, अटेर रोड की आधा दर्जन से अधिक बस्तियों के अलावा बीटीआई रोड की सीतानगर, रामनगर ,विक्रमपुरा, रेखा नगर, रंजना नगर, मीरा कालोनी इटावा रोड पर जोशीनगर, कुशवाह कालोनी, लहार रोड पर दुर्गानगर, जामना रोड की बस्तियों में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य होने के बाद भी घरों में नहीं बने स्ट्रक्चर नपा की सीमा में प्राइवेट और सरकारी भवनों के लिए वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट का प्रावधान अनिवार्य किया गया है। 90 फीसदी से अधिक लोग तो भवन बनाने से पहले नपा की अनुमति लेते ही नहीं हैं। जो लोग अनुमति लेकर भवन का निर्माण करा रहे हैं वे भी जमा की गई राशि वापस लेने नहीं आते। न ही जमा कराई गई राशि से नपा ही स्ट्रक्चरों का निर्माण करवा रही है। वहीं सरकारी भवनों के सिस्टम चालू अवस्था मेंं नहीं हैं। मोहल्लो में बड़े पैमाने पर सीसी रोड का निर्माण हो जाने से बरसात का 80 फीसदी से अधिक पानी व्यर्थ में ही बह जाता है।
फै क्ट फाइल शहर की आबादी -2.50 लाख नपा के हैंडपंपों की संख्या- 1075 नपा के नलकूपों की संख्या -61 प्राइवेट बोरों की अनुमानित संख्या- 5000 शहर में प्रतिसाल होने वाले बोर – 200
-कुछ मोहल्लों से हैंडपंपों से रतीला पानी आने की खबर आ रही है। भूजलस्तर गिरने से समस्या पैदा हो रही। हैंडपंपों में पाइप डलवाकर अप्रेल से पहले चालू करवाने का प्रयास किया जाएगा। कलावती मिहोलिया अध्यक्ष नपा भिण्ड
–मोहल्ले में एक दर्जन से अधिक हैंडपंप तो पहले से ही खराब पड़े हंै। आधा दर्जन हैंडपंपों से 10 दिनों के भीतर ही रेतीला पानी आने लगा है। देवेंद्र कुमार शाक्य बीटीआई रोड भिण्ड