लगभग 15 मिनट तक हुई मूसलधार बारिश से घरों के छतों के पनाले चल पड़े। बारिश बंद होते ही फिर से तेज धूप खिल गई। बता दें कि यह बरसात भिण्ड शहर के अलावा जिले के अन्य कस्बाई इलाकों में नहीं हुई। हालांकि ओलों के साथ हुई बरसात से फिजां में ठंडक घुल गई, जिससे लोगों ने गर्मी से राहत महसूस की।
प्रदूषण खत्म होने से बेमौसम मानसून पर्यावरण के जानकारों की मानें तो वातावरण में प्रदूषण बेहद कम हो गया है, जिसके कारण मानसून समय से पहले बनने के आसार हो रहे हैं। हालांकि सूर्य की तपिश मौसम के मुताबिक तेज है, लेकिन एक या दो दिन के बाद बरसात हो जाने से फिजां में ठंडक वापस लौट रही है। लिहाजा प्रचण्ड गर्मी उत्पन्न नहीं हो पा रही है।
वाहनों का परिवहन न्यून, कारखाने भी कम संख्या में चल रहे कोरोना संक्रमण के चलते न सिर्फ सडक़ों पर वाहनों का आवागमन न्यून संख्या में है बल्कि कल कारखानों से निकलने वाला प्रदूषणयुक्त धुआं भी कम मात्रा में निकल पा रहा है। परिणाम स्वरूप हवा में प्रदूषण दिनों दिन कम हो रहा है। यह स्वच्छ हवा जो दो दशक पूर्व महसूस की जाती थी वह फिर से मिलने लगी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण भैतिक संसाधनों की भी उतनी ही भरमार होने से फिजां में प्रदूषण घुलने लगा है। लगातार कम हो रही वृक्षों की संख्या भी इसकी मुख्य वजह है।