scriptWrong site selection, somewhere land dispute and water logging | सरकारी भवनों के निर्माण में गलत स्थल चयन, कहीं भूमि विवाद व जल भराव | Patrika News

सरकारी भवनों के निर्माण में गलत स्थल चयन, कहीं भूमि विवाद व जल भराव

locationभिंडPublished: Mar 25, 2023 10:00:35 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

भूमि विवाद, ठेकेदारों की अरुचि और गलत स्थल चयन सहित अन्य विवादों की वजह से जिले में स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के 40 करोड़ रुपए से अधिक निर्माण कार्य पिछड़ गए हैं। कुछ स्थानों पर तो कार्य ही शुरू नहीं हो पाए हैं। इसमें जगह की अनुपलब्धता और पुराने निर्माण को तोडऩे में विलंब सहित अन्य कारण भी सामने आ रहे हैं। इस वजह से यह कार्य समय पर पूरा नहीं हो पा रहे हैं।

सरकारी भवनों के निर्माण में गलत स्थल चयन, कहीं भूमि विवाद व जल भराव
निर्माणाधीन अतिरिक्त कक्ष।
रवींद्र सिंह कुशवाह, भिण्ड. शासकीय बालाजी महाविद्यालय मिहोना में 3.53 करोड़ रुपए की लागत से अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में इसकी स्वीकृति के बाद प्रशासकीय स्वीकृति भी जून 2021 में मिल गई थी। 21 फरवरी 2022 को कार्यादेश के बाद यह काम 15 माह में पूरा करना था। लेकिन ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण पीआईयू (परियोजना क्रियान्वयन इकाई) ने पुराना अनुबंध निरस्त कर नए सिरे से कार्य शुरू कराया गया है। विभाग का दावा है कि मई 2023 तक कार्य पूरा हो जाएगा, लेकिन अभी तो वहां नींव भरने के बाद पिलर ही खड़े हुए हैं। नवीन हाईस्कूल भवन जाखोली लहार भी दिसंबर 2017 में शुरू कराया गया था। कार्य की धीमी प्रगति के कारण अनुबंध निरस्त कर नए सिरे से काम शुरू कराया गया। यह कार्य भी सितंबर 2022 में शुरू कराया गया और चार माह में पूरा होना था। लेकिन हो नहीं पाया। अब दावा अप्रेल तक पूरा कराने का दावा किया जा रहा है।
पांच करोड़ 46 लाख रुपए की लागत से निर्माणाधीन शासकीय महाविद्यालय फूप के भवन के निर्माण में भी कार्य धीमी गति से होने के कारण दो बार अनुबंध कराया गया है। पहले अनुबंध में कार्यादेश अक्टूबर 2018 में जारी किया गया था और 15 माह में कार्य पूरा होना था, लेकिन दोबार अनुबंध कराना पड़ा। इसमें जुलाई 2022 में 12 माह का अनुबंध किया गया है। जुलाई तक कार्य पूरा होना है, लेकिन फिनिशिंग कार्य शेष रहने के कारण इस बार भी समय पर काम पूरा होना मुश्किल है। हायार सेकेंडरी स्कूल भवन जवासा भी जनवरी 2019 तक पूरा होना था। लेेिकन एक करोड़ रुपए के इस कार्य को ठेकेदार ने पूरा करने में रुचि नहीं ली। दोबारा भी सितंबर 2022 में चार माह के लिए अनुबंध किया गया, लेकिन कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया। विभाग तो दावा कर रहा है कि मार्च में ही यह कार्य पूरा हो जाएगा, लेकिन फिनिशिंग कार्य पूरा होने में अभी और समय लग जाएगा। 1.75 करोड़ रुपए का शासकीय उमावि बिलाव एवं1.32 करोड़ रुपए उप स्वास्थ्य केंद्र नयागांव के उन्नयन कार्य में भी ऐसी ही देरी हो रही है। बिलाव में तो तीसरी बार अनुबंध करना पड़ा है। नयागांव का कार्य भी दिसंबर 2020 तक ही पूरा होना था।
निर्माण स्थल पर पानी भरने से लटका स्कूल भवन
नवीन हायर सेकेंडरी स्कूल भवन शोरपुर गोहद के लिए पहले तो विवाद के चलते भूमि ही देर से मिली। भूमि का विवाद हल हुआ तो निर्माण स्थल पर बरसात का पानी भर गया। हालांकि छत तक कार्य पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन यह कार्य अप्रेल 2020 तक ही पूरा होना था और अब तक नहीं हो पाया है। यह कार्य भी एक करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। इसी प्रकार संयुक्त तहसील भवन कार्यालय का निर्माण भी 6.4 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में स्वीकृति के बाद जुलाई 2021 में अनुबंध हो गया। चार माह तक चयनित भूमि पर पानी भरा रहने से लेआउट देर से दिया जा सका। इसलिए काम भी देर से शुरू हुआ। विभाग दावा कर रहा है कि जुलाई में कार्य पूर्ण हो जाएगा, लेकिन मौके के हालात देखकर इस साल के अंत तक भी काम पूरा होना मुश्किल दिख रहा है।
कथन-
निर्माण कार्यों में विलंब के कई कारण होते हैं। शासकीय महाविद्यालय भवन मिहोना में एक ठेकेदार को टर्मिनेट किया, दूसरे के कार्य में भी देरी है, नोटिस दिया गया था। उसने तीन माह का समय और मांगा है, अगस्त तक ही काम पूरा हो पाएगा। कुछ काम समय पर भी पूरे हो रहे हैंं। लहार में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट सेंटर भवन का भूमि विवाद सुलझ गया है, ले आउट भी दे दिया है, जल्द काम शुरू होगा। अन्य पिछड़े कार्य भी यथा संभव जल्द पूरा कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पंकज सिंह परिहार, ईई, पीआईयू, भिण्ड।
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