दूसरे राज्यों को निर्यात होगा बॉक्साइड
बाक्साइड से एल्युमीनियम बनाया जाता है। चूंकि एल्युमीनियम का कारखाना मप्र में नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों में इसका कारखाना है। इससे प्रदेश से बॉक्साइड का सबसे ज्यादा निर्यात दूसरे राज्यों में किया जाता है। जबकि इसके उत्खनन से निकलने वाले अन्य खनिजों का उपयोग सीमेंट सहित अन्य उद्योगों में किया जाता है।
प्रदेश में बढ़ेगी खाद की उत्पादकता
प्रदेश में रॉकफास्फेट के उत्खनन से डीएपी खाद की उत्पादकता बढ़ेगी। प्रदेश में करीब सात लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद की प्रति वर्ष जरूरत होती है। इस खदान से अकेल एक लाख मीट्रिक टन रॉकफास्फेट प्रति वर्ष निकाला जा सकेगा। हालांकि इसके लिए खदान संचालक को ही माइनिंग प्लान बनाना होगा, जिसमें उसे यह बताना पड़ेगा कि खदान में रॉकफास्फेस्ट की उपलब्धता कितनी है और प्रति वर्ष कितनी मात्रा में उत्खनन किया जाएगा, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
– लाइन स्टोन की दो खदाने दमोह में और एक कटनी में। बाक्साइड की खदान रीवा, डिंडोरी और बालाघाट जिले में। आयरनओर की खदान जबलपुर, छतरपुर जिले में । राकफस्फेट छतरपुर जिले में और बेसमेटल छिंदवाड़ा में है।