कार्बन उत्सर्जन कम करने को लेकर 11वीं के स्टूडेंट्स ने छेड़ा फ्राइडे फॉर फ्यूचर अभियान
भोपाल। स्वीडन में ग्रेटा थुंबर्ग के एक स्कूली छात्र ने स्वीडन की सरकार के विरुद्ध कार्बन उत्सर्जन को लेकर एक मुहिम छेड़ रखी है। यह मुहिम पर्यावरण के प्रति जागरुकता को लेकर और विकास के नाम पर बड़ी-बड़ी फैक्टरियों व इंडस्ट्रीज से होने वाले प्रदूषण के प्रति चिंता को लेकर है। इस मुहिम से शहर के युवा भी जुड़ रहे हैं। इसकी शुरुआत आईपीएस में पढऩे वाले 11वीं क्लास के छात्र आरुष कुमार ने की है। आरुष का कहना है कि तीन हफ्ते पहले मैं अकेला वल्लभ भवन के सामने जाकर खड़ा हुआ। दोपहर एक बजे से चार बचे तक खड़ा रहा। राहगीरों ने इसकी तारीफ तो की, लेकिन कोई सपोर्ट करने के लिए खड़ा नहीं हुआ। फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हारी।
पांच घंटे किया प्रदर्शन आरुष ने बताया कि दूसरे शुक्रवार को इस मुहिम से पांच से छह स्टूडेंट्स और जुड़े। इस बार पचास से ज्यादा साथी जुड़े हैं। सभी अपनी मांगों को लेकर सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक खड़े रहे। स्टूडेंट्स के हाथों में हमारी पृथ्वी जल रही है, आओ बचाएं इसे…जैसे बैनर थे। आरुष ने बताया कि हमने नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता से भी बात की है। हमारी मांग है कि तालाब और पेड़ों के शहर भोपाल में जिस तरह से विकास के नाम पर पेड़ों का काटा जा रहा है, वह इसकी सुंदरता को खत्म कर रहा है। सरकार को कोई भी विकास की नीति बनाते समय पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए, ताकि अगली पीढिय़ों भी इस शहर की सुंदरता को देख सके।
ग्रेटा से इंस्पायर होकर आया आइडिया आरुष बताते हैं ग्रेटा की मुहिम ने मुझे इंस्पायर किया। हम अपनी मांगें माने जाने तक हर शुक्रवार को इसी तरह अवेयरनेस प्रोग्राम चलाकर शहरवासियों और सरकार को जगाने का प्रयास करेंगे। हम चाहते हैं कि डेवलपमेंट के नाम पर प्रकृति से छेड़छाड़ न की जाए और अक्षय ऊर्जा स्त्रोत जैसे सोलर एनर्जी, पवन चक्की, ज्वारभाटे से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा।
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