अमन को पर्वतारोही बनने की प्रेरणा मेघा परमार से मिली और उन्होंने अमन को इसके लिए प्रेरित किया। इस अभियान में जाने के लिए मेघा ने उसकी तैयारी करने में मदद की। मेघा भी इस अभियान में अमन के साथ जाएंगी। पिता राजू गौर बताते हैं कि मैं निजी व्यवसाय करता हूं। इसमें भी कभी-कभी काम नहीं मिलता। बावजूद इसके मैंने हार नहीं मानी और अमन को इस काबिल बनाया कि वह खेल में आगे जा सके। अमन का बड़ा भाई भी जूडो का नेशनल खिलाड़ी है। अमन ने उसे देखकर ही जूडो और कराते में अपना नाम कमाया है।
अमन ने बताया कि इस अभियान में जाने के लिए तीन लाख से ज्यादा रुपए की जरूरत थी। मैं अपने इस सपने को तोडऩा नहीं चाहता था। ऐसे में दोस्त और टीचर्स ने पैसे इक_े किए। जिसके बाद अब इस मिशन को फतह करने के लिए जा पा रहा हूं।
बैंड-बाजे के साथ किया रवाना
अमन गौर, टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल के स्टूडेंट्स हैं और हमेशा क्लास में टॉप करते हैं। उन्हें इस अभियान में जाने के पहले प्राचार्य रेखा शर्मा, उपप्राचार्य आरके श्रीवास्तव, खेल अधिकारी दीवान चंद्रमौली और रूपा रावत और स्टूडेंट्स ने स्वागत किया। इसके साथ ही बैंड के साथ उन्हें रवाना किया।