आपको बता दें कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) की ओर से केवल 200 रुपए और इससे नीचे के छोटे नोटों को उपलब्ध कराने को कहा गया था। आरबीआई ने ये फैसला 2000 रुपए के नोटों की आ रही शार्टेज के चलते लिया गया था। लेकिन अब एक नया फैसला लिया गया है। जिसके अन्तर्गत 200 और 2,000 के खराब नोट न तो बैंकों में जमा होंगे और न ही बदले जाएंगे।
बैंक नहीं करेगा एक्सचेंज
आपको बता दें कि अब बैंक में 200 और 2,000 रुपए के नोट अब नहीं बदले जाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी भी बैंक के द्वारा गंदे और खराब नोटों को बदलने का जो भी प्रावधान बना हुआ है उसके अंतर्गत केवल 5, 10, 20, 50, 100, 500, 100, और 10,000 के नोट ही शमिल है। बैंक सिर्फ 5, 10, 20, 50, 100, 500, 100, और 1000 के नोट को ही बदल सकती है। इसमें 200 और 2,000 के नोट शामिल नहीं हैं। बता दें कि वर्तमान में 2,000 रुपए के 6.70 लाख करोड़ नोट बाजार में जारी हो चुके हैं।
आरबाआई ने बैंक ने इन नोटों की छपार्इ को भी रोक दिया है। इसके बारे में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने 17 अप्रैल को जानकारी दी थी। बैंकों का कहना है कि उनके पास 2000 रुपए के कुछ गंदे और खराब नोट हैं जिन्हें बदला जाना है लेकिन नियमों में कोर्इ बदलाव न होने के वजह से इन्हें अभी बदला नहीं जा सकता है।
बदलाव की है जरूरत
बैंकों के द्वारा नोट बदलने के प्रावधान पर केन्द्रीय बैंक ने दावा किया है कि वित्त मंत्रालय को इस बात की जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक सरकार के तरफ से इस पर अभी कोर्इ प्रतिक्रिया नहीं आर्इ है। नोट बदलने के प्रावधानों में खासकर सेक्शन 28 में बदलाव किया जाना जरूरी है जिसमें खराब हुए या कटे-फटे नोटों में बदलाव किये जाने का जिक्र है। हालांकि आरबीआर्इ ने इस बात को स्वीकार किया है कि नर्इ डिनॉमिनेशन को नोटों को बदलने के लिए मौजूदा नियामें में बदलाव किया जाना जरूरी है।
कारण नहीं है स्पष्ट
आरबीआर्इ के नोट रिफंड नियम 2009 में बदलाव में देरी होने के वजह से महात्मा गांधी सीरीज के नोट वो नहीं बदले जा रहे है जो गंदे या खराब हो चुक है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए अपनी प्रतिक्रिया में आरबीआर्इ ने नियमों में बदलाव के बाद ही इन नोटों को बदला जा सकता है। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर क्यों अब तक इस नियम में बदलाव नहीं हुआ है।