script3 एजेंसियों के 250 जवान 48 घंटे में नहीं खोज पाए, घर से एक किमी दूर परिजनों को नाले में मिली डुग्गू की लाश | 250 jawans of three agencies could not find it in 48 hours | Patrika News
भोपाल

3 एजेंसियों के 250 जवान 48 घंटे में नहीं खोज पाए, घर से एक किमी दूर परिजनों को नाले में मिली डुग्गू की लाश

बिलखती मां बोली: आपदा नहीं सरकारी लापरवाही लील गई मेरा लाल

भोपालJul 20, 2018 / 07:23 am

Pushpam Kumar

NEWS

3 एजेंसियों के 250 जवान 48 घंटे में नहीं खोज पाए, घर से एक किमी दूर परिजनों को नाले में मिली डुग्गू की लाश

भोपाल। बारिश से उफान पर आए पंचशील नगर नाले में बहे छह साल के भाग्य बंसल उर्फ डुग्गू का शव 48 घंटे बाद गुरुवर सुबह कोलार तिराहे के पास नाले में मिला। घर से करीब एक किलोमीटर दूर शव नाले में एक चट्टान के बीच कचरा-झाडिय़ों में फंसा था। शव उसकी तलाश में जुटे परिजनों ने देखा।

जबकि डुग्गू की तलाशी अभियान में जुटे नगर निगम, एसडीइआरएफ, एनडीइआरएफ की टीमें शव को नहीं खोज पाईं। डुग्गू के परिजनों ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियों के करीब 200 जवान शुरुआत से ही मनमाना तरीका अपनाते रहे। यही वजह रही कि तीनों एजेंसियों के जवान समय रहते डुग्गू को नहीं तलाश सके। जवान उसे घर से तीन किलोमीटर दूर तलाशते रहे।

चट्टान की दरार में फंसा था शव, कमर दिखते ही लगा डुग्गू होगा : गुरुवार सुबह परिवार के 8-10 लोग घर के आगे नाले में उसे ढूंढऩे निकले। हमलोग नाले में झाडिय़ों और चट्टानों में बारीकी से तलाशते जा रहे थे। घर से करीब एक किलोमीटर दूर शक्तिपीठ हनुमानमंदिर के थोड़ा आगे एक चट्टान की दरार में बच्चे की कमर दिखी।

हमलोग तुरंत चट्टान के पास पहुंचे। शव को बाहर निकाला। पानी में पड़ा होने की वजह से शरीर फूल चुका था। तभी डुग्गू के बड़े चाचा राहुल ने शव की पहचान की। इसके बाद हम लोगों ने पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर बाद नगर निगम समेत अन्य एजेङ्क्षसयों के लोग आ पहुंचे।

– दिनेश बंसल, डुग्गू के बड़े पापा

हर स्तर पर नाकाम रहीं एजेंसियां: नाले की ताक-झांक में बिता दिए 48 घंटे : डुग्गू के सर्च अभियान में जुटी तीनों एजेंसियां हर स्तर पर नाकाम रहीं। एजेंसियां न तो माकूल रणनीति बना सकीं और न ही उनके पास ऐसे जरूरी संसाधन थे, जिससे पानी में उतरकर वे तलाश कर सकें। नतीजतन 48 घंटे बाद भी अंदाजा नहीं लगा सकी कि डुग्गू इस जगह फंस सकता है। परिजनों का कहना है कि एजेंसियों ने सिर्फ नाले के ताक-झांक में ही 48 घंटे बिता दिए।

हादसे की बड़ी वजह: देशी कलारी समेत जगह-जगह नाले पर अवैध निर्माण : डुग्गू के घर के पीछे तरफ मुख्य सड़क पर देशी कलारी संचालक ने नाले पर अवैध निर्माण कर रखा है। स्थानीय रहवासियों का कहना कि कलारी की वजह से नाले के पानी का बहाव उनके घर की तरफ होता है। डुग्गू के हादसे की भी बड़ी वजह यही थी।

वही जानलेवा तस्वीर: नहीं बंद हुआ मौत का रास्ता : डुग्गू घर के पास जिस रास्ते पर खेल रहा था, उसे अब भी नहीं बंद किया गया। लोग बेखौफ होकर नाले में रखे पत्थर के जरिए इस पार से उस पार आते-जाते रहे। लोग मुख्य सड़क पर आने के लिए इसी नाले का इस्तेमाल करते हैं। बच्चे भी बेखौफ होकर आते-जाते हैं।

छह साल में पांच की मौत: नाला निर्माण का वादा भूल गए जनप्रतिनिधि : डुग्गू का शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश रहा। लोगों ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि वोट मांगने के समय सिर्फ मोहल्ले में आते हैं। वे नाला निर्माण का वादा कर वोट हथियाते हैं। चुनाव जीतने के बाद कोई जनप्रतिनिधि खबर नहीं लेता। पिछले छह साल में तीन किलोमीटर लंबे इस नाले में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। मोहल्ले में प्रवेश करने वाली पुलिया पिछले साल बारिश से टूट गई। ऐसे में बारिश का पानी पूरा नहीं निकल पाता है। पानी घरों में भी घुसता है।

शव देखते ही बेसुध हो गई मां ” गुरुवार दोपहर मर्चुरी से जैसे ही डुग्गू का शव घर लाया गया, मोहल्ले में कोहराम मच गया। मां आरती ने जैसे ही बेटे का शव देखा, बेसुध हो गई। लोगों ने किसी तरह ढांढ़स बंधाया। वह बेटे का नाम ले-लेकर यही कहकर बिलखती रही कि आपदा नहीं सरकारी लापरवाही मेरे ‘लालÓ को लील गई। जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई हो जिससे मेरे जैसी किसी मां की गोद सूनी न हो। वह बार-बार गुडड्डे के सिर पर हाथ फेरकर बोलती रही कि बेटा उठ तीन दिन से टीवी नहीं देखा तू…उठ बेटा समोसा खा ले…।

बेटे की तलाश में पिता के पैर हुए लहुलूहान: जिस वक्त से डुग्गू नाले में बहा उसके परिजन नाला-नाला भटकते रहे। डुग्गू के पिता रोहित बेटे की तलाश में नाले में रात के वक्त भी निकल गए। बुधवार रात उनके पैर में नाले में पड़े कांच के टुकड़ा घुस गया। इससे उनका एक पैर बुरी तरह जख्मी हो गया। रोहित का डुग्गू बड़ा बेटा था। छोटा बेटा अरमान है। अरमान बड़े भाई की मौत से अंजान दिखा। पूछने पर कहा कि डुग्गू भइया खेलने गए हैं, जल्दी आएंगे।

 

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