संजय गांधी स्कूल में रखी इन मशीनों के सेंसर तेज रोशनी और नमी के कारण खराब हो गए। इस वजह से दलों के चुनाव चिह्न इनमें अपलोड नहीं हो पा रहे। इसकी संख्या और बढ़ सकती है। खराब मशीनों को बदलने के लिए बैंगलुरू भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि चुनाव के समय मशीनें बताएंगी कि मतदाता ने जिसे वोट दिया है, उसे मिला या नहीं।
जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों के दस बूथों पर 10 ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की यूनिट भेजी गई हैं। 70 जगह एक साथ ट्रायल शुरू होगा। आइटी के मास्टर ट्रेनर भी बूथों पर तैनात किए गए हैं। निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारी व कर्मचारियों का पूरा अमला रहेगा। रविवार-सोमवार को दी गई मशीनों को थानों में सुरक्षित रखवा दिया गया है। निर्वाचन कार्य से जुड़े अफसरों को चिंता सता रही है कि ट्रायल से पहले ही मशीनें खराब हो रही हैं तो ट्रायल के बाद क्या स्थिति बनेगी।
वीवीपैट खराब तो नहीं हो सकेगी वोटिंग
ज्यादा रोशनी और नमी में वीवीपैट ने काम नहीं किया तो वोटिंग रोकनी पड़ सकती है। ट्रायल से पता किया जाएगा कि किसी बूथ पर उक्त कारक तो नहीं हैं। इसी वजह से बूथों पर कर्मचारियों की संख्या चार से बढ़ाकर पांच कर दी गई है।
एडीएम ने किया पांच नए बूथ स्थल का दौरा
एडीएम संतोष वर्मा ने एसडीएक के साथ सोमवार को बाग उमराव दूल्हा में पांच नए मतदान केंद्र बनाने को लेकर दौरा भी किया है। यहां सुरक्षा व्यवस्था क्या रहेगी, किस तरह की समस्याएं आ सकती हैं, इसकी समीक्षा की। स्थानीय स्तर पर जनता से मिले और प्रशासनिक अमले से जानकारी ली।
267 वीवीपैट मशीनों में तकनीकी खराबी निकली है। इन्हें बैंगलुरू भेजा जा रहा है। मंगलवार से हर विधानसभा में एक साथ ट्रायल शुरू होगा।
संतोष कुमार वर्मा, एडीएम, उपजिला निर्वाचन अधिकारी, भोपाल