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हीरा खदान में निवेश से पहले अडानी सहित 3 कंपनियां कराएगी अध्ययन

हीरा खदान में निवेश से पहले अडानी सहित ३ कंपनियां कराएगी अध्ययनसरकार ने अध्ययन करने कंपनियों को दिया एक माह का समय

भोपालSep 28, 2019 / 08:11 am

Ashok gautam

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भोपाल। बंदर हीरा प्रोजेक्ट में 60 हजार करोड़ रूपए से अधिक का निवेश करने से पहले अडानी, वेदांता, फ्यूरा जैम्स कंपनियां इसका अध्ययन कराना चाहती हैं। सरकार के दावों का अध्ययन रिपोर्ट सामने के बाद ही कंपनियां इस प्रोजेक्ट में हाथ डालेंगी।
कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट के अध्ययन के लिए अपनी टीम को छतरपुर जिले के बकस्वाहा में उतार दिया है। तकनीकी रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद ही वे हीरे में निवेश करेंगी। कंपनियों की मांग के बाद सरकार ने उन्हें इसके लिए एक माह का समय दिया है।
खनिज विभग ने बंदर प्रोजेक्ट के टेंडर में हिस्सा लेने के लिए समय और बढ़ा दिया है। हीरा उत्खनन में दिलचस्पी रखने वाली कंपनियां अब 20 अक्टूबर तक टेंडर में हिस्सा ले सकेंगी, पहले टेंडर में हिस्सा लेने की तिथि 20 सितम्बर तक की गई थी। टेंडर प्रक्रिया के समय बढ़ाने के पीछे अडानी, वेदांता, फ्यूरा जेम्स कंपनियां हैं।
इन्होंने सरकार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि वे इस बात का अध्ययन कराएंगी कि बंदर प्रोजेक्टर में हीरे के भंडार की वस्तुस्थिति क्या है। अध्ययन के लिए उन्हें समय चाहिए, रिपोर्ट के बाद ही निवेश के संबंध में अगला कदम उठाएंगी। कंपनियों की मांग पर खनिज विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया में एक माह का समय भी बढ़ा दिया है और इसके साथ ही उसके लिए बंदर खदान के दरवाजे भी खोल दिए हैं।
इन कंपनियों की टीम पिछले कई दिनों से बंदर खदान में ही डेरा डाले हुए हैं। वहां के माइनिंग अधिकारी को यह कहा गया है कि वे इन कंपनियों को जानकारी देने तथा खदान क्षेत्र में भ्र्रमण कराने के संबंध में सहयोग करें।

अध्ययन से रियोटेंटों की रिपोर्ट पर कम होगी निर्भरता

विभाग के अधिकारियों का मानना है कि कंपनियां जब अपने तरीके से अध्ययन कराएंगी तो रियोटेंटों की रिपोर्ट में उनकी निर्भरता कम होगी। खुद अध्ययन कराने से कंपनियों में आत्म विश्वास बढऩे के साथ ही इसके परिणाम भी बेहतर आएंगे। समय सीमा बढ़ाने के पीछे विभाग एक माह का समय बढ़ाने पर कुछ और नई कंपनियां निविदा में हिस्सा अगर लेना चाहती है तो वे ले सकेंगी। निविदा में जितनी ज्यादा कंपनियां शामिल होगी उतना ही अधिक हीरे प्रोजेक्ट कीमत में मिलेगी। हालांकि इस खदान की तीन बार नीलामी की जाएगी, तीसरी नीलामी में उच्च बोलीकर्ता कंपनी को ही हीरे की खदान आवंटित की जाएगी।

पर्यावरण की अनुमति लेने में सहयोग करेंगी सरकार

पर्यावरण तथा विभिन्न तरह की अनुमति दिलाने में सरकार कंपनियों का सहयोग करेंगी। लेकिन कंपनियों को पर्यावरण और अन्य अनुमति के लिए आवेदन करने तथा उसकी औपचारिकता पूरी करने के लिए खुद आवेदन करना पड़ेगा। बंदर हीरा प्रोजेक्ट की प्रीबिड में शामिल हुई कंपनियां चाहती हैं कि उन्हें हीरा उत्खनन के लिए दी जाने वाली पर्यावरणीय अनुमति के लिए अतिरिक्त समय मिलना चाहिए।

कंपनियों ने लीज की अवधि को ५० साल से ज्यादा बढ़ाने की इच्छा भी जताई है। ६० हजार करोड़ के बंदर प्रोजेक्टर के लिए ५ अगस्त को हुई प्रीबिड में अडानी, वेदांता, फ्यूरा जेम्स, रूंगटा माइंस सहित एक दर्जन बड़ी कंपनियां शामिल हुई थीं। बंदर हीरा प्रोजेक्ट का कुल क्षेत्र फल 364 हेक्टेयर है। सरकार ने इसे 50 साल की लीज पर देने के लिए निविदा जारी की है।

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