अध्ययन से रियोटेंटों की रिपोर्ट पर कम होगी निर्भरता
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि कंपनियां जब अपने तरीके से अध्ययन कराएंगी तो रियोटेंटों की रिपोर्ट में उनकी निर्भरता कम होगी। खुद अध्ययन कराने से कंपनियों में आत्म विश्वास बढऩे के साथ ही इसके परिणाम भी बेहतर आएंगे। समय सीमा बढ़ाने के पीछे विभाग एक माह का समय बढ़ाने पर कुछ और नई कंपनियां निविदा में हिस्सा अगर लेना चाहती है तो वे ले सकेंगी। निविदा में जितनी ज्यादा कंपनियां शामिल होगी उतना ही अधिक हीरे प्रोजेक्ट कीमत में मिलेगी। हालांकि इस खदान की तीन बार नीलामी की जाएगी, तीसरी नीलामी में उच्च बोलीकर्ता कंपनी को ही हीरे की खदान आवंटित की जाएगी।
पर्यावरण की अनुमति लेने में सहयोग करेंगी सरकार
पर्यावरण तथा विभिन्न तरह की अनुमति दिलाने में सरकार कंपनियों का सहयोग करेंगी। लेकिन कंपनियों को पर्यावरण और अन्य अनुमति के लिए आवेदन करने तथा उसकी औपचारिकता पूरी करने के लिए खुद आवेदन करना पड़ेगा। बंदर हीरा प्रोजेक्ट की प्रीबिड में शामिल हुई कंपनियां चाहती हैं कि उन्हें हीरा उत्खनन के लिए दी जाने वाली पर्यावरणीय अनुमति के लिए अतिरिक्त समय मिलना चाहिए।
कंपनियों ने लीज की अवधि को ५० साल से ज्यादा बढ़ाने की इच्छा भी जताई है। ६० हजार करोड़ के बंदर प्रोजेक्टर के लिए ५ अगस्त को हुई प्रीबिड में अडानी, वेदांता, फ्यूरा जेम्स, रूंगटा माइंस सहित एक दर्जन बड़ी कंपनियां शामिल हुई थीं। बंदर हीरा प्रोजेक्ट का कुल क्षेत्र फल 364 हेक्टेयर है। सरकार ने इसे 50 साल की लीज पर देने के लिए निविदा जारी की है।