वीडियो कान्फ्रेंसिंग में इंडस्ट्रियल कारिडोरों के प्रस्ताव को प्राथमिकता से पूरा करने पर जोर दिया गया। बैठक में सीएम शिवराजसिंह ने कहा कि इस परियोजना का कार्य जितनी जल्दी होगा, मध्यप्रदेश को उतना ही लाभ मिलेगा। इंडस्ट्रियल कारिडोर मानिटरिंग अथारिटी की बैठक में सीएम ने बताया कि प्रदेश में इसके लिए कई जगह अलग-अलग क्लस्टर बनाए गए हैं. इसके लिए जमीन देने का काम भी प्रारंभ कर दिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने देश में इंडस्ट्रियल कारिडोर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि ये प्रधानमंत्री के विजन का ही कमाल है कि जिससे सभी राज्यों जनता को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में भी मध्यप्रदेश तेज गति से काम किया।
एमपी में दिल्ली नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और अटल एक्सप्रेस-वे जुड़ जाएंगे- दिल्ली-नागपुर कॉरिडोर के संबंध सीएम ने एक और अहम बात कही. उन्होंने बताया कि एमपी में दिल्ली नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और अटल एक्सप्रेस-वे जुड़ जाएंगे. जहां से इंडस्ट्रियल कॉरिडोर निकलेगा, वहां अटल एक्सप्रेस-वे का कार्य भी प्रारंभ कर रहे हैं। भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस 330 किलोमीटर के एक्सप्रेस वे के दोनों और इंडस्ट्रियल कारिडोर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 11 हजार एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है और इंडस्ट्रियलिस्ट को जमीन देने की योजना भी तैयार है।
गौरतलब है कि दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रदेश के उत्तर से दक्षिणी हिस्से तक निकलेगा. यह कारिडोर दिल्ली से एमपी के मुरैना, ग्वालियर, गुना, भोपाल, नर्मदापुरम और बैतूल जिलों से होकर निकलेगा.