यह नजारा था ताजुल मसाजिद परिसर में आयोजित हज के लिए हुए कुरआ का। कुरआ का शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बटन दबाकर किया। करीब 15654 आवेदकों में से 3820 का चयन कुरआ में किया गया। यह पहला अवसर था जब हज के कुरआअंदाजी कार्यक्रम में किसी मुख्यमंत्री ने शिरकत की थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी को मुबारकवाद दी। अलग-अलग जिलेवार कुरआ खोला गया। नंबर देखने के बाद कई लोग खुशी से अपने परिजन रिश्तेदारों को मोबाइल कर बता रहे थे, अम्मी, अब्बू मुबारक हो, अल्लाह ने हमारी दुआ कबूल कर ली, कुरआ में आपका नंबर खुला है,आप हज की तैयारी शुरू कर दीजिए, तो कोई स्क्रीन पर नंबर देखकर दोनों हाथ उठाकर कह रहा था, या अल्लाह तेरा शुक्रिया, तेरी पनाह में आने की दुआ कबुल हुई, और तेरे दीदार का मौका मिला कहकर शुक्रिया अदा कर रहा था।
कुरआअंदाजी कार्यक्रम में हज के लिए भोपाल से सीधी हवाई सेवा और हज का कोटा बढ़ाने की मांग पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हज के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा, इसके लिए केन्द्र सरकार से भी आग्रह करेंगे। इसके पहले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने हज के लिए सीधे हवाई सेवा की आवश्यकता बताते हुए कहा कि जितने लोग हज पर जाना चाहते हैं, उन्हें मौका मिलना चाहिए। कार्यक्रम में शहरकाजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी, हजरत सिराजुल हसर, मुफ्ती अबुल कलाम, काजी इशरत अली इंदौर, नायब काजी बाबर हसन आदि भी उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का सम्मान किया गया।
कुरआ में नाम नहीं आने पर कुछ लोगों ने हज पॉलिसी को लेकर अपना विरोध भी जताया। लोगों का कहना था कि अब तक लगातार पांच साल से हज यात्रा के लिए प्रयास करने वाले आवेदकों को पांचवे साल आरक्षित श्रेणी में शामिल कर हज का मौका मिलता था, लेकिन हज पॉलिसी में हुए बदलाव के बाद इस नियम को खत्म कर दिया गया है।
– सीटे – 4640
– कुरआ से चयन – 3820
– 70 वर्ष की आरक्षित सीटे- 793 हज 2018 में सीटों की यह थी स्थिति
– कुल आवेदन – 19373
– कुल सीटे – 4432
– कुरआ से चयन – 3869
– 70 वर्ष की आरक्षित सीटे- 459