आयोग के अधिकारियों का अनुमान है कि इस लोकसभा चुनाव में 75 फीसदी से ज्यादा बैलेट पेपर जमा होंगे।
केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के सबसे ज्यादा पोस्टल और ईटीपीवी आयोग में जमा हुए हैं। इन क्षेत्र के कर्मचारियों ने इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग भी की है।
आयोग ने अभी तक 75 हजार ईटीवीपीएस और 60 हजार पोस्टर बैलेट जारी किए हैं। 19 मई को आखिरी चरण के लोकसभा चुनाव के लिए मतदान पार्टी रवाना होने तक 50 हजार बैलेट पेपर तथा इटीपीवीएस और जारी होने का अनुमान है।
जितने पोस्टल बैलेट जारी हुए हैं उसे जिला निर्वाचन कार्यालयों में जमा करने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। आयोग के सूत्रों के अनुसार हर दिन पांच से दस हजार पोस्टर बैलेट पेपर और ईटीपीवीएस बैलेट निर्वाचन कार्यालयों में जमा हो रहे हैं। इससे यह माना जा रहा है कि राज्य और केन्द्र के कर्मचारियों ने भी वोटिंग करने में जमकर रुचि दिखाई है।
डाक विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी पोस्टल बैलेट को पहुंचाने के मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। विधानसभा चुनाव में मतदाताओं तक बैलेट पेपर नहीं पहुंचाने तथा उसे मतदान के बाद उसे निर्वाचन कार्यालय में नहीं पहुंचाने पर डाक विभाग के कई कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था। वहीं पुलिस मुख्यालय में भारी मात्रा में कचरे के डेढ़ में पोस्टल बैलेट पेपर मिलने पर एक अधिकारी और कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट खुले में रखे जाने के संबंध में काफी शिकायतें चुनाव आयोग आई थी।
शजापुर सहित 4 चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगा आयोगचार जिलों के चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे सीईओ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) वीएल कांताराव मतदान तैयारियों का जायजा लेने 16 मई को शाजापुर, आगर मालवा, मंदसौर और नीमच जिले जाएंगे। वहां कांताराव इन जिलों के कलेक्टर, एसपी तथा अन्य अधिकारियों से चुनाव तैयारियों, मतदाता जागरुकता, मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध सुविधाओं तथा कानून व्यवस्था के संबंध में चर्चा करेंगे।
इसके अलावा मतदान के दौरान अवैध शराब रोकने, मतदान के दौरान नकदी, सामान तथा अन्य समाग्री वितरण रोकने की रणनीति के संबंध में भी अधिकारियों दिशा निर्देश भी देंगे। चौथे चरण में होने वाले मतदान वाले लोकसभा क्षेत्रों के कलेक्टर, एसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ये चर्चा करेंगे।