एसपी राजेश भदौरिया ने बताया कि कारतूस लेकर जयपुर से आ रहे सलमान ने पूछताछ में बताया कि रात में चलने वाली बसों से खेप आती थी। तड़के भोपाल पहुंचने पर बस को रास्ते में ही रोककर खेप उतार ली जाती थी। इससे पुलिस को भनक तक नहीं लगती। पुलिस ने सलमान को कुरावर के पास छह फरवरी को पकड़ा था। इसके बाद इरफान को पूछताछ के बहाने भोपाल बुलाकर दबोचा।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आरोपी आमिर के फार्म हाउस से किसी वन्य प्राणी के सींग या खाल बरामद नहीं हुई है। फार्म हाउस से वन विभाग के उडऩदस्ते ने सिर्फ मांस जब्त किया है। इस मांस को फारेंसिक लैब भेजकर जांच कराई जाएगी। फारेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि बरामद मांस किस जानवर का है, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इरफान का कहना कि उसने आमिर को 50 हजार रुपए में 520 कारतूस दिए थे। उसने कारतूस की डिलेवरी लेने अपने करीबी सलमान को भेजा था। सलमान पचौर का रहने वाला है। सलमान का कहना कि इससे पहले भी जयपुर से कारतूस लेकर आ चुका है।
आरोपी के फार्म हाउस पर चार ट्रॉफियां भी टंगी हुई थी, जांच में यह ट्रॉफियां सांभर की होनी पाई गई। एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने ट्रॉफी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की लेकिन जब ट्रॉफियों को उतारा गया तो उन पर सील लगी पाई गई। ट्राफियां काफी पुरानी भी थीं, सील लगी होने के चलते ट्राफियों को जब्त नहीं किया गया। वन विभाग ने ट्राफियों का रजिस्ट्रेशन मांगा है।
हरिशंकर मिश्रा, डीएफओ