बारिश में गाड़ी चला रहा था, आगे पत्थर गिरा
राइडर आशीर्वाद दांडे ने बताया कि मैं भोपाल से बाइक से करीब चार हजार किलोमीटर बाइक चलाकर उत्तराखंड स्थित चारधाम की यात्रा की। मैं पहली बार पहाड़ों में बाइक चला रहा था। ऋषिकेश से आगे अचानक आगे बड़ा सा पत्थर गिरा। किस्मत से जान बच गई। इसके बाद जब भी बारिश होती थी तो मैं राइड रोक देता था। मेरे पास स्पोटर्स बाइक थी, इसके देश में बहुत कम जगहों पर पाटर्स मिल पाते हैं, इसलिए कुछ पाटर्स साथ लेकर गया था। लैंडस्लाइड के कारण तीन दिनों तक उत्तरकाशी में रुकना पड़ा। प्रतिदिन 200 किलोमीटर ही राइड कर पाता था।
लद्दाख टूर के लिए नई बाइक खरीदी
राइडर एसएम सेफ ने बताया कि मैंने लद्दाख टूर के लिए नई बाइक खरीदी। 14 दिनों के टूर में करीब 5 हजार किलोमीटर राइड की। पैंगोंग लेक से लेह आते समय चांगला पास एक ऐसी जगह है, जहां आपकी बाइक लोड लेना बंद कर देती है। आप पहले और दूसरे गियर में ही गाड़ी चला पाते हैं। ऑफ रोड होने से परेशानियां और बढ़ जाती है। रास्ते में सड़क पर बहते कई झरने क्रॉस करना पड़ते हैं। खारदुंगला 17,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्व के हाईएस्ट पास में से एक है। हाई एल्टीट्यूड के कारण सोलो राइड पर निकले कई राइडर्स की तबीयत खराब हो गई तो कई को वापस लौटना पड़ा।
नेपाल के सबसे ऊंचे ब्रिज पर बाइक चलाना कठिन
राइडर प्रशांत पाटिल ने बताया कि मैंने पिछले दिनों बाइक से नेपाल टूर किया। 15 दिनों में करीब 1200 किलोमीटर राइड की। इस दौरान काठमांडू, पोखरा, मुक्तिनाथ से लेकर लोमनथांग तक बाइक से राइड की। पोखरा से लोमनथांग तक ऑफरोडिंग करनी पड़ी, क्योंकि यहां सड़क बेहद खराब थी। समुद्र तल से करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर होने के कारण ऑक्सीजन कम होने से सांस लेना भी मुश्किल था। लोमनथांग के पास कुसमा ब्रिज है ये वहां का सबसे ऊंचाई पर स्थित रस्सी से बना ब्रिज है। इस पर एक समय में एक बाइक ही निकल सकती है। बारिश और तेज हवा के कारण वहां बाइक चलाने में डर लग रहा था। लोमनथांग पहुंच कर वहां के लोकल टीजी फेस्टिवल में भी शामिल हुआ। कोविड की पांबदियों के चलते तिब्बत बॉर्डर पर नहीं जा सका।