बकाया परिवहन टैक्स की वसूली के लिए विभाग ने पुराने प्रकरणों में 40 से 90 प्रतिशत तक की छूट देने का अभियान गुरुवार से शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में पहले दिन ऐसे 27 मामलों में वाहन मालिकों ने आकर समझौता किया और विभाग के खाते में लगभग 16 लाख रुपए का बकाया टैक्स जमा करवाया। चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्त होने से पहले विभाग को 3 हजार 500 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य पूरा करना है। परिवहन आयुक्त वी. मधुकुमार के मुताबिक राजस्व समीक्षा बैठक में अब तक की रिकवरी तय राजस्व लक्ष्य से 20 प्रतिशत अधिक आंकी गई है। जो वाहन मालिक अपने कंडम वाहनों को नष्ट कर रजिस्ट्रेशन निरस्त कराना चाहते हैं उन्हें केवल कुल बकाया का 10 प्रतिशत जमा कर एनओसी प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा।
विभाग को ऐसे लगाते हैं चपत
वाहनों के रजिस्ट्रेशन के वक्त कुल कीमत का एक प्रतिशत काउंटर पर जमा कराया जाता है। इसके बाद कमर्शियल वाहनों में डंपर, लोडिंग ट्रक और सवारी बसों को प्रति किलोमीटर और प्रति सीट के हिसाब से शुल्क की गणना कर परमिट जारी किए जाते हैं। कमर्शियल वाहन चालकों को ये टैक्स प्रति महीने, तिमाही या फिर सालाना के हिसाब से जमा कराना होता है। व्यवसाय में घाटा और दुर्घटना कारणों के चलते वाहन मालिक नियमित ये टैक्स जमा नहीं कराते जिससे बकाया राशि बढ़ती जाती है।
लो फ्लोर सहित प्रायवेट बसों पर बकाया टैक्स गणना के बाद अंतिम नोटिस जारी कर दिए गए हैं। संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई एक अप्रेल से शुरू करेंगे। संजय तिवारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी