script9175 मरीज होम आइसोलेशन में, 45 फीसदी बोलते हैं हमें फोन मत करो, कई कर रहे डॉक्टरों से बहस | 9175 patients in home isolation, 45 percent say don't call us, arguing | Patrika News
भोपाल

9175 मरीज होम आइसोलेशन में, 45 फीसदी बोलते हैं हमें फोन मत करो, कई कर रहे डॉक्टरों से बहस

– कंटेनमेंट में ढिलाई से खुद ही होम आइसोलेशन खत्म कर रहे मरीज, इधर मॉनीटरिंग से बचने के लिए फोन भी कम उठा रहे

भोपालJan 21, 2022 / 10:19 pm

प्रवेंद्र तोमर

9175 मरीज होम आइसोलेशन में, 45 फीसदी बोलते हैं हमें फोन मत करो, कई कर रहे डॉक्टरों से बहस

9175 मरीज होम आइसोलेशन में, 45 फीसदी बोलते हैं हमें फोन मत करो, कई कर रहे डॉक्टरों से बहस

भोपाल. कोरोना काल में जिन डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया, हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई। दूसरी लहर में होम आइसोलेशन के मरीज एक-एक कॉल का इंतजार करते थे। जिनके पास फोन नहीं जाता था तो वह कहीं न कहीं इस बात की शिकायत भी करते थे। लेकिन तीसरी लहर में हालात बदले हैं। गुरुवार को आई पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद भोपाल में कुल एक्टिव मरीज 9800 में शुक्रवार सुबह होम आइसोलेशन में डिस्चार्ज होने के बाद 9175 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। हैरानी की बात ये है कि एक दो दिन के बाद इनमें से काफी लोग फोन उठाना ही बंद कर देते हैं। 45 फीसदी लोग डॉक्टरों से बोलते हैं हम ठीक हैं, फोन मत करो, तो कुछ बहस भी करते हैं।
तीसरी लहर में होम आइसोलेशन में रह रहे साठ फीसदी मरीजों के इस रवैये से डॉक्टर परेशान हैं। कोरोना कंट्रोल रूम में तैनात डॉक्टरों की टीम इस बात को लेकर अपने सीनियरों से शिकायत कर रही है। लेकिन कोरोना गाइडलाइन के चलते उन्हें दो टाइम मरीज का स्वास्थ्य जानने उसे फोन करना ही है। कई मरीजों ने कंट्रोल रूम का नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया है, ऐसे में मरीजों को डॉक्टर अपने मोबाइल फोन से कॉल कर उनका हाल चाल पता करते हैं।
केस-1, नंबर स्विच ऑफ बता रहा
गुरुवार को आइ लिस्ट में सर्वधर्म निवासी रत्नेश की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रात को डाटा कंट्रोल रूम पहुंच गया। जब उनके नंबर पर फोन किए गए तो वह नंबर स्विच ऑफ आया। दूसरी शिफ्ट की टीम ने फोन किया तो भी फोन बंद आ रहा है। अब ऐसे मरीजों के घर उनके दिए हुए पते पर एसडीएम सर्किल की टीमों को भेजा जाएगा। केस-2, बोले फोन मत करो
अरेरा कॉलोनी निवासी गुरुदत्त कुमार की रिपोर्ट पॉजिटिव आइ, एक दिन तो उन्होंने फोन उठाए और डॉक्टरों को अपने हाल, चाल बताए। इसके बाद उन्होंने फोन उठाने ही बंद कर दिए। जब ज्यादा फोन किए तो एक बार को फोन उठा भी लिया। लेकिन उठाते ही बोले मैं ठीक हूं मुझे फोन न करें। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि ये गाइडलाइन है। इसके बाद भी उन्होंने मना कर दिया।
एक दिन में दो शिफ्ट
स्मार्ट सिटी दफ्तर में बने कोरोना कंट्रोल रूम में एक समय में दो बार शिफ्ट लगती है। कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ.संगीता टांक का कहना है कि जो लोग फोन नहीं उठाते उनको दूसरे शिफ्ट की टीमें आकर फोन करती हैं। 50 लोगों की टीम एक शिफ्ट में रहती है। जिसमें 40 डॉक्टर और 10 ऑपरेटर रहते हैं। 21 जनवरी सुबह शिफ्ट के हालात
डिस्चार्ज के बाद बचे मरीज–9175
फोन रिसीव किए———6803

फोन नहीं उठाए———-1530
स्विच ऑफ मिले———450

ब्लॉक कर दिए———–356
गलत नंबर मिले———-36

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