तीसरी लहर में होम आइसोलेशन में रह रहे साठ फीसदी मरीजों के इस रवैये से डॉक्टर परेशान हैं। कोरोना कंट्रोल रूम में तैनात डॉक्टरों की टीम इस बात को लेकर अपने सीनियरों से शिकायत कर रही है। लेकिन कोरोना गाइडलाइन के चलते उन्हें दो टाइम मरीज का स्वास्थ्य जानने उसे फोन करना ही है। कई मरीजों ने कंट्रोल रूम का नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया है, ऐसे में मरीजों को डॉक्टर अपने मोबाइल फोन से कॉल कर उनका हाल चाल पता करते हैं।
केस-1, नंबर स्विच ऑफ बता रहा
गुरुवार को आइ लिस्ट में सर्वधर्म निवासी रत्नेश की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रात को डाटा कंट्रोल रूम पहुंच गया। जब उनके नंबर पर फोन किए गए तो वह नंबर स्विच ऑफ आया। दूसरी शिफ्ट की टीम ने फोन किया तो भी फोन बंद आ रहा है। अब ऐसे मरीजों के घर उनके दिए हुए पते पर एसडीएम सर्किल की टीमों को भेजा जाएगा। केस-2, बोले फोन मत करो
अरेरा कॉलोनी निवासी गुरुदत्त कुमार की रिपोर्ट पॉजिटिव आइ, एक दिन तो उन्होंने फोन उठाए और डॉक्टरों को अपने हाल, चाल बताए। इसके बाद उन्होंने फोन उठाने ही बंद कर दिए। जब ज्यादा फोन किए तो एक बार को फोन उठा भी लिया। लेकिन उठाते ही बोले मैं ठीक हूं मुझे फोन न करें। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि ये गाइडलाइन है। इसके बाद भी उन्होंने मना कर दिया।
एक दिन में दो शिफ्ट
स्मार्ट सिटी दफ्तर में बने कोरोना कंट्रोल रूम में एक समय में दो बार शिफ्ट लगती है। कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ.संगीता टांक का कहना है कि जो लोग फोन नहीं उठाते उनको दूसरे शिफ्ट की टीमें आकर फोन करती हैं। 50 लोगों की टीम एक शिफ्ट में रहती है। जिसमें 40 डॉक्टर और 10 ऑपरेटर रहते हैं। 21 जनवरी सुबह शिफ्ट के हालात
डिस्चार्ज के बाद बचे मरीज–9175
फोन रिसीव किए———6803 फोन नहीं उठाए———-1530
स्विच ऑफ मिले———450 ब्लॉक कर दिए———–356
गलत नंबर मिले———-36