सभी को भलाई और इंसानियत के पैगाम के साथ आलमी तब्लीगी इज्तिमा का मुख्य उद्देश्य धर्म की सही शिक्षा देना है। इसके लिए तीन दिन उलेमा की तकरीर और बयान होंगे। इसी के साथ पिछले कई सालों से यहां शादी ब्याह में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने का पैगाम भी दिया जा रहा है। इसके लिए यहां से इज्तिमाई निकाह होते हैं। इस बार ये निकाह आयोजन के पहले ही दिन होंगे।
बताया कि वर्तमान में लोग शान शौकत दिखाने की होड़ में फिजूल खर्ची करते हैं जबकि उस रकम से कई जरूरतमंदों का भला हो सकता है। इसी कारण इज्तिमाई निकाह की सालों पहले यहां पहल की गई थी। यहां से हर साल करीब चार सौ से पांच सौ निकाह होते हैं।
काजियात में रजिस्ट्रेशन के बाद शामिल होगा नाम
इज्तिमाई निकाह के लिए वर और वधु पक्ष को पहले काजियात में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ही उनका नाम सूची में शामिल होगा। इसके लिए प्रक्रिया जारी है।
इस साल 72वां आयोजन
इस साल ये 72वां आयोजन है। यहां देश दुनिया के 10 लाख से ज्यादा लोग शिरकत करने पहुंचेंगे। यहां के इंतजाम और व्यवस्था को बनाने के लिए इस दौरान धारा 144 लागू रहेगी। इज्तिमागाह के आसपास निर्माण पर भी रोक लगाने की मांग की जा रही है।