पिछले दिनों शहर में व्यापम चौराहे के नजदीक एक कार डिवाइडर पर चढ़ गई वहीं तस्वीर में दिखाई दी रही यह कार कटारा हिल्स रोड पर डिवाइडर पर जा चढ़ी लेकिन यह दो तो उदाहरण मात्र है। दरअसल शहर में रोजाना दर्जनों ऐसे हादसे हो रहे हैं जिनके लिए चालकों को लापरवाह बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है,लेकिन इसकी असल जिम्मेदारी इंफ्रास्टकचर निर्माण और यातायात सुचारू रखने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों की है। लेकिन ऐसी दुर्घटनाओं में असल व्यक्तियों की जिम्मेदारी तय ही नहीं की जा रही।
बिना संकेतक के डिवाइड और स्ट्रीट लाइट गुल: नतीजा दुर्घटना
शहर की सड़कों पर बनाए गए डिवाइडर जिस स्थान से शुरू होते हैं वहां अधिकांश जगह इनके शुरू होने का कोई संकेतक नहीं नजर आता। ऐसे में डिवाइडर पर किए गए रेडियम पेंट मामूली सुरक्षा देते हैं,लेकिन जहां स्ट्रीट लाइट नहीं होती वहां तो यह पूरी तरह अदृश्य हो जाते हैं और चालकों को टक्कर होने पर ही मालूम पड़ता है कि सड़क पर कोई अवरोधक था। यह सारी परिस्थितियां मिलकर रोजाना दर्जनों दुर्घटनाओं को अंजाम दे रही हैं जिससे वाहनों की क्षति के रूप में आम नागरिकों और आखिरकार देश को लाखों रुपए की क्षति हो रही है।
सड़क-सड़क दुर्घटनाओं को न्यौता शहर में मुख्य सड़कों पर तो डिवाइड चौराहों के बाद सही तरीके से शुरू होकर सड़क को बांटते हैं, अधिकांश जगह इन पर पेंट और संकेतक भी लगे हैं, लेकिन शहर की अंदरुनी सड़कों, गलियों और छोटे चौराहों के पास जो डिवाइडर हैं उन पर सुरक्षा या संकेत का कोई तरीका नजर नहीं आता।
कॉलोनियों से लेकर मुख्य सड़कों तक एक सी परेशानी अशोका गार्डन, पिपलानी, बागसेवनिया से कटारा हिल्स जानी वाली रोड, कोलार को रोहित नगर और बावडिय़ा से जोडऩे वाली सड़कों सहित पुराने शहर के कई मुख्य सड़कें तक ऐसी हैं जहां डिवाइडर बिना पेंट और संकेतक के बेतरीब बने छूटे हुए हैं। हालांकि इनमें से कुछ पर रात के समय पर्याप्त स्ट्रीट लाइट्स लगी होने के चलते समस्या नहीं होती है। वहीं इसके अलावा शहर की अन्य दर्जनों कॉलोनियों की रोड पर डिवाइडर केवल दिन के समय दिखाई देते हैं। क्योंकि कॉलोनी की अंदरुनी सड़कों में से कई में स्ट्रीट लाइट तक नहीं होती ऐसे में डिवाइड अदृश्य ही हो जाते हैं।
यह सही है कि सड़क पर इस तरह के कम दृश्यता वाले डिवाइडर समस्या पैदा करते हैं, लेकिन इसकी जिम्मेदारी सड़क और डिवाइडर बनाने वाली पीडब्ल्यूडी जैसी एजेंसियों की होती है। शहर में भी ऐसे डिवाइडर्स और अन्य अवरोधकों पर रेडियम संकेतक लगाने प्रकाश की व्यवस्था करने के सम्बंध में लगातार पत्राचार यातायात पुलिस कर रही है।
संदीप दीक्षित, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, यातायात