– इसलिए बदलाव के हालात
विधानसभा उपचुनाव के बाद भगत की रवानगी भी हो सकती है, क्योंकि इससे पूर्व माखन सिंह को इसी पैटर्न सह-संगठन मंत्री बनाने के बाद संगठन महामंत्री बनाकर लाया गया था। हालांकि, भगत से पहले अरविंद मेनन को सीधे संगठन महामंत्री बनाया गया था, लेकिन अब भाजपा पूरी टीम बदलना चाहती है। उस पर नए अध्यक्ष वीडी के आने के बाद से भगत के कामकाज में भी कई जगह मतभेद की स्थिति बनी है।
– पिछड़े कई नाम
सह संगठन मंत्री के दावेदारों में कई नाम थे। इनमें दीनदयाल शोध संस्थान के अभय महाजन, किसान संघ के उमाकांत दीक्षित, संघ के पराग अभ्यंकर और ग्राहक पंचायत संगठन के दिनकर सबनीस मुख्य रूप से रहे हैं। इनमें अभय और उमाकांत उत्तर प्रदेश सरकार में चले गए। उनके जाने के बाद से पराग और दिनकर ही मुख्य दावेदार थे।