अभी तक बरसात के चलते फिर भी बाजारों में माल कम है, लेकिन दस दिनों बाद बड़े पैमाने पर माल आना शुरू होगा और दशहरा, दिवाली के त्योहारी सीजन में बाजार ब्रांडेड के नाम पर मिसब्रांड कपड़ों से पट जाएगा। इस गोरखधंधे का खुलासा पत्रिका एक्सपोज के स्टिंग में हुआ है। न्यू मार्केट और ओल्ड भोपाल के कोतवाली मार्केट में पत्रिका टीम ने इस तरह के जींस व टी शर्ट का मोल-भाव किया।
रिपोर्टर: जींस मिल जाएंगी और टी-शर्ट भी मिल जाएंगी क्या?
दुकानदार: हां, मिल जाएंगी। रिपोर्टर: लिवाइस, डीजल, रेंगलर जींस मिलेंगी, किस रेंज में हैं?
दुकानदार: अलग-अलग रेंज हैं। अभी प्राइज नहीं, पहले आप पसंद कर लें, प्राइस बता देंगे।
दुकानदार: इसका प्राइज 1555 रुपए है, 20 परसेंट लेस करने के बाद 1270 की पड़ेगी। रिपोर्टर: (अरमानी, डीजल, लिवाइस आदि का लेबल लगी जींस देखते हुए) सही प्राइज बताओ?
दुकानदार: आप पहले पसंद कर लो, जो भी रीजनेबल डिस्काउंट होगा, कर दिया जाएगा।
दुकानदार: अच्छा, वापस आओ। एक दाम कम से कम बता रहा हूं, 800 रुपए में दे दूंगा। (इसके बाद संवाददाता वहां से बहाना बनाकर चला गया।)
आजकल शहरी लोग हों या कस्बों के, वे अच्छे कपड़ों की चाहत में बड़े-बड़े ब्रांड के पीछे भागते हैं और सिर्फ नामों पर भरोसा करते हैं। सिर्फ ब्रांड का नाम देखकर ही चीजों को पसंद करते हैं और बिना जांच-परख किए ही खरीद लेते हैं। वास्तव में वे यही नहीं देखते कि वे जो कपड़ा खरीदने जा रहे हैं, वो असल में उसी ब्रांड का हैं या नहीं। असल के ब्रांड में धोखा खा जाते हैं और नकली खरीद बैठते हैं। ब्रांड के नाम पर कई लोग लोकल माल भी बेच देते हैं।
ऐसे पहचान सकते हैं असलियत
ब्रांडेड कपड़ों की सबसे बड़ी पहचान होती है टैग, लेकिन आजकल के लोगों का दिमाग इतना तेज हो गया है कि वह इन टैग तक को कॉपी करके कपड़े बेचते हैं। आप इनके टैग से ही असली ब्रांड का पता लगा सकते हैं। कई ब्रांड्स कपड़ों की लिनिंग में टैग लगाते हैं। लिनिंग में टैग लगा मिले तो समझ जाइए कि ये ब्रांडेड हैं जो कि उनकी सही पहचान है।
कोई भी ब्रांडेड कपड़े लेने से पहले सबसे पहले ये देखें कि आप ये कपड़े किस जगह से ले रहे हैं।
दरअसल कई बड़ी कंपनियां ऐसी हैं जिनके कपड़े हर दुकान पर नहीं मिलते, जबकि उनके आधिकारिक स्टोर्स पर ही मिलते हैं।
आपने कई बार देखा होगा कि कई जगह भारी डिस्काउंट का हवाला देकर ब्रांडेड कपड़ों के नाम पर अन्य कपड़े बेचे जाते हैं। जिसके चक्कर में ना जाने कितने लोग आ जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि अगर आपको भी कोई बड़े ब्रांड पर भारी छूट मिलते दिखे तो समझ जाइए कि कुछ तो गोलमाल है। बड़े ब्रांड कभी भी 20 से 30 फीसदी से ज्यादा की छूट नहीं देते हैं।
सबसे जरूरी और सबसे अहम बात जो सबको हमेशा कपड़ों की शॉपिंग करते वक्त याद रखनी चाहिए वह यह है कि आप जो भी कपड़ा ले रहे हैं उसे पहनकर जरूर देखें। ब्रांडेड कपड़ों की फिटिंग अन्य कपड़ों की तुलना में ज्यादा अच्छी होती है। कपड़ों की फिटिंग से आप पता लगा सकते हैं कि यह कपड़ा ब्रांडेड है या नहीं।
ब्रांडेड कपड़ों की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है कि आप उस कपड़े की सिलाई देख लें। ब्रांडेड कपड़ों की सिलाई सीधी और नीट होगी। साथ ही सिलाई हर स्थान से बराबर, मजबूत और एक जैसी होनी चाहिए। अगर कपड़ा थोड़ा मोटा होगा तो उसमें डबल सिलाई होगी। असली ब्रांड का कपड़ा सॉफ्ट और स्मूथ होगा, जबकि मिसब्रांड कपड़ा रफ होगा।
इसमें संबंधित विभागों को कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस के पास कोई कंपनी ऐसी शिकायत लेकर आएगी या जहां भी पुलिस की जरूरत होगी, वहां पुलिस मदद करेगी।
– इरशाद वली, डीआइजी