एंबुलेंस की लेटलतीफी या बिना चले ही बिल बनाने का मुद्दा पत्रिका ने उठाया था। एनएचएम ने जांच में पाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस गलत रिपोर्टिंग कर रही हैं। एंबुलेंस घटना स्थल तक पहुंची ही नहीं और बिल लगा दिया गया।
पता नहीं बताना होगा
यह बात सामने आई थी कि लोग अक्सर घटना स्थल की सही जानकारी नहीं दे पाते। इस समस्या से निपटने के लिए कंपनी अब मोबाइल टै्रकिंग का सहारा ले रही है। जो कॉलर फोन करेगा कंपनी का कॉल सेंटर मोबाइल टै्रकिंग के माध्यम से उसकी लोकेशन देख लेगा।
150 एंबुलेंस आएंगी
प्रदेश में जल्द ही 150 नई एंबुलेंस आएंगी। इनमें 25 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। तीन एंबुलेंस भोपाल जिले में तैनात होंगी। पीडि़तों को बेहतर सेवाएं मिलें इसके लिए कंपनी लगातार अपनी सेवाओं को बेहतर बना रही है। रियल टाइम मॉनीटरिंग से एंबुलेंस की कार्यक्षमता और बढ़ जाएगी।