मध्य प्रदेश के मालवा और निमाड़ इलाके में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठनों की सक्रियता लम्बे समय से लगातार जारी है। उदयपुर में आतंकी कनेक्शन होने के बाद वारदात को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों का अलसूफा नाम के इस्लामिक संगठन से संबंध सामने आए हैं। अलसूफा नामक संगठन की शुरुआत मध्य प्रदेश के रतलाम से ही हुई थी। खुफिया अलर्ट के बाद दावते इस्लामी संगठन की गतिविधियों को लेकर एमपी पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहा है कि राजस्थान एटीएस से एमपी पुलिस संपर्क में है। मिश्रा ने कहा कि उदयपुर की घटना में दावते इस्लामी संगठन का नाम आया है। इस मामले में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को प्रदेश में दावते इस्लामी संगठन की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है। इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।
दरअसल 13 मार्च केा भोपाल शहर में जमात ए मुजाहिद्दीन बंगलादेश के चार आतंकी पकड़े गए थे। ये लोग स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। दावते इस्लामी की तरह यह संगठन भी मुस्लिम युवाओं का ब्रेन वाश करके देश विरोधी आतंकी घटनाओं को अंजाम देता है। युवाओं को जेहाद के नाम पर आतंकी घटनाओं को करने के लिए उकसाने वाले संगठन के सक्रिय रहने से कुछ युवा उनके झांसे में आ जाते हैं। मार्च 2022 में ही राजस्थान में विस्फोटक सामग्री पकड़ी गई ती उस मामले में भी राजस्थान एटीएस ने रतलाम से दो आतंकी पकड़े थे। वही प्रतिबंधित संगठन सिमी का भी प्रदेश में गढ़ रहा है।
हालांकि, अभी तक उदयपुर की घटना का मध्य प्रदेश से अभी तक कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। फिर भी प्रदेश में लगातार कट्टर इस्लामी संगठनों के सक्रिय होने से स्लीपर सेल तेयार हो गई है। राज्य के मालवा और निमाड़ इलाके में कई इस्लामिक संगठन सक्रिय हैं, जिनको सिमी के सहयोग से आतंकियों का सेफ पैसेज मिल जाता है। इसलिए इन क्षेत्रों में विशेष सावधानी रखी जाने की आवश्यकता है।