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भोपाल

AISHE : एमपी के 70 लाख युवाओं का कॉलेज की पढ़ाई से हुआ मोहभंग, सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

उच्च शिक्षा के हाल-बेहाल: स्कूल से निकले 89 लाख विद्यार्थी, कॉलेज में प्रवेश लिया सिर्फ 19 लाख विद्यार्थियों ने
 

भोपालSep 29, 2019 / 01:28 am

Arun Tiwari

all india survey on higher education 2018-19 latest news

एमपी के 70 लाख युवाओं का कॉलेज की पढ़ाई से हुआ मोहभंग, सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

भोपाल. प्रदेश में उच्च शिक्षा की हालत ठीक नहीं है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से हाल ही में उच्च शिक्षा पर कराए गए ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन 2018-19 की रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि बड़ी तादाद में विद्यार्थियों ने कॉलेज में प्रवेश ही नहीं लिया। 18 से 23 साल की उम्र यानी स्नातक से स्नातकोत्तर तक के छात्रों पर ये सर्वे किया गया था। प्रदेश में 89 लाख छात्रों में से 70 लाख छात्रों ने अगली कक्षा में प्रवेश नहीं लिया। इनमें वे युवा भी शामिल हैं, जिन्होंने हायर सेकंडरी पास की है और कॉलेज में प्रवेश नहीं लिया। इन हालातों को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने मिशन मोड में काम करने की कार्ययोजना तैयार की है।

सर्वे में आए चौंकाने वाले तथ्य
मध्यप्रदेश में 2018-19 में अध्ययनरत कुल 89 लाख 63 हजार 556 छात्रों में से सिर्फ 19 लाख 29 हजार 344 विद्यार्थी हैं जिन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया है। 70 लाख 34 हजार 212 युवा कॉलेज की पढ़ाई से दूर हो गए।
अनुसूचित जाति के 14 लाख 39 हजार 515 छात्रों में से सिर्फ 2 लाख 84 हजार 57 युवाओं ने उच्च शिक्षा में प्रवेश लिया।
अनुसूचित जनजाति के 7 लाख 49 हजार 561 छात्रों में से 01 लाख 99 हजार 26 युवाओं ने कॉलेज में अगली कक्षा में एडमिशन लिया।
साल 2011-12 में एक लाख आबादी पर 25 कॉलेज थे, वे घटकर 2018-19 में घटकर 24 हो गए।
साल 2011-12 में प्रदेश में 2172 कॉलेज थे, जो 2017-18 तक घटकर 2124 हो गए। वर्तमान में 2191 कॉलेज हैं।
सभी श्रेणी के शिक्षक साल 2012-13 में 66 हजार 223 थे, जो वर्तमान में 2018-19 में घटकर 59 हजार 184 हो गए।

सरकार ने बनाई ये कार्ययोजना
उच्च शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने कार्ययोजना बनाई है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे का कहना है कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। सभी कॉलेजों में ई-क्लासेस शुरू की जा रही हैं। इनमें ज्यादातर विषयों के ई-कंटेंट तैयार कराए जा रहे हैं। पहले चरण में 200 कॉलेजों में इसकी शुरुआत की जा रही है। कॉलेजों में लैंग्वेज लैब की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 200 कॉलेजों का चयन कर लिया गया है। रोजगार के अवसरों को देखते हुए स्किल डवलपमेंट के आधार पर कोर्स तैयार किए जा रहे हैं। प्रदेश विदेशी विश्वविद्यालयों को केंद्रीय सरकार की नीति के अनुसार आमंत्रित करेगा। इतना ही नहीं विदेशी विवि के साथ स्टूडेंट और फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम, नॉलेज शेयरिंग, कैंपस एक्सटेंशन प्रोग्राम शुरु किए जा रहे हैं।

सरकार उच्चशिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। हर छात्र कॉलेज में पढ़ाई कर सके, इस पर सरकार का फोकस है। आने वाले समय में इसके नतीजे सामने आने लगेंगे।
जीतू पटवारी उच्च शिक्षा मंत्री, मप्र

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