मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना को लेकर मोहंती ने मंत्रालय में वीडियो कॉफ्रेंस द्वारा प्रदेश के सभी संभागायुक्तों तथा कलेक्टर्स से योजना क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की है। मुख्य सचिव ने दूर-दराज के जिलों डिण्डौरी, अलीराजपुर, सिंगरौली, श्योपुरकलां के कलेक्टरों से योजना के क्रियान्वयन के बारे में विशेष रूप से बातचीत की। उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण प्रदेश में 15 जनवरी 2019 से योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है।
कर्जमाफी को लेकर कृषक भाइयों में कई तरह के सवाल उमड़ रहे। हम आपको इस खबर में किसानों के कर्जमाफी से संबंधित हर सवाल का जवाब दे रहे हैं –
सवाल – कर्जमाफी पहली बार कब शुरू हुआ।
जवाब – वीपी सिंह की सरकार में देशव्यापी स्तर पर सबसे पहले 1990 में किसानों के ऋण माफ किए गये थे। तब यह 10 हजार करोड़ रुपये का था।
सवाल – कर्जमाफी से किन-किन लोगों को लाभ होगा।
जवाब – जिन किसानों भइयों ने सहकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और राष्ट्रीयकृत बैंक से अधिकतम 2 लाख रुपए तक का कर्ज लिया है उन्हे इस योजना का लाभ मिलेगा।
सवाल – मध्यप्रदेश में कितने किसानों का कर्जमाफ होगा।
जवाब – योजना में करीब 55 लाख कृषकों को लाभ मिलेगा। इसमें लघु और सीमांत 35 लाख कृषकों को प्राथमिकता से ऋण माफी का लाभ मिलेगा। इस काम के लिए विकासखंड में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत योजना के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार होंगे।
सवाल – कर्जमाफी योजना का पूरा नाम क्या है।
जवाब – किसान कर्जमाफी योजना का पूरा नाम “मुख्यमंत्री फसल ऋणमाफी योजना” है।
जवाब – किसानों के खाते में सीधे रकम डाली जाएगी। फसल ऋण खाते में किसानों का आधार नंबर होना जरूरी है। जिन किसानों के फसल ऋण खाते में आधार नंबर नहीं है उसे जोड़ने का मौका मिलेगा। किसानों के फसल ऋण खाते में उनके माफ कर्ज की रकम जमा करा दी जाएगी।
जवाब – फसल ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को अधिकतम दो लाख की सीमा तक योजना पात्रतानुसार लाभ देने का निर्णय लिया गया है। सवाल – कांग्रेस ने कर्जमाफी देने का वादा किन-किन राज्यों में किया है।
जवाब – मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेसने कर्जमाफी का वादा किया था।
जवाब – पटवारी से मिली जानकारी में बताया गया कि 1 अप्रैल 2007 से लेकर 31 मार्च 2018 तक प्रदाता संस्था से लिये गये फसल ऋण माफ किए जाएंगे।
जवाब – जिन किसानों ने 31 मार्च 2018 को बकाए कर्ज का 12 दिसंबर 2018 तक पूरा या आंशिक चुका दिया है तो वो भी माफ हो जाएगा।
सवाल – कौन-कौन से कर्ज इस योजना के दायरे में आएंगे।
जवाब – फसल ऋण, रिजर्व बैंक और नाबार्ड की परिभाषा के मुताबिक दिया गया छोटा फसल ऋण, कृषि फसल के लिए जिला स्तरीय समिति की तरफ से दिया गया कर्ज इसके दायरे में हैं।
जवाब – मध्यप्रदेश के किसान, जिनकी जमीन एमपी राज्य में है। जिस बैंक से कर्ज लिया गया वो ब्रांच मध्यप्रदेश में होनी चाहिए।
सवाल – किन किसानों का कर्ज माफ नही होगा।
जवाब – जिन किसान भाइयों को कृषि सहकारी समिति की तरफ से मिला कर्ज, फसल नुकसान की वजह से रीस्ट्रक्चर किए गए कर्ज, इन कर्ज में माफी नहीं मिलेगी, कंपनियों या कॉरपोरेट की तरफ से दिए गए कर्ज, किसान सोसाइटी की तरफ से दिए फसल कर्ज, किसान प्रोड्यूसर संस्था से दिया गया कर्ज, सोना गिरवी रखकर लिया गया कर्ज है उनका कर्जमाफ नहीं होगा।
जवाब – मौजूदा और पूर्व सांसद, मौजूदा और पूर्व विधायक, मौजूदा और पूर्व जिला पंचायत, नगरपालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष, मौजूदा और पूर्व महापौर, मौजूदा और पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष, सहकारी बैंकों के मौजूदा और पूर्व अध्यक्ष, राज्य सरकार के निगम, मंडल या बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, इनकम टैक्स देने वाले लोग, 15,000 रुपए महीने से ज्यादा पेंशन पाने वाले रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी, जीएसटी में रजिस्टर्ड फर्म के डायरेक्टर, मालिक, पार्टनर को कर्जमाफी योजना का फायदा नहीं मिलेगा।
जवाब – कृषक फॉर्म भरने के बाद कर्जमाफी के लिए MP-online पोर्टल फॉर्म को ऑनलाइन करेगी, पोर्टल का मैनेजमेंट किसान कल्याण और एग्रीकल्चर विभाग देखेगा, जिला कलेक्टर की अगुआई में हर पंचायत स्तर कर्जमाफी के लिए पात्र किसानों की लिस्ट बनेगी।
जवाब – हरे रंग के आवेदन- आधार कार्ड से जुड़े कर्ज खाते, सफेद रंग के आवेदन- आधार नहीं जुड़े कर्ज खाते
कर्ज माफी की लिस्ट प्रकाशित होने के बाद पंचायतों में हरे और सफेद फार्म मिलेंगे। गुलाबी फार्म- किसान लिस्ट के बारे में अपनी आपत्ति दर्ज कराने वाला फार्म।
जवाब – जानकारी अपलोड होते ही किसानों को sms से सूचित करेगी। पोर्टल में भरे गए आवेदन की फोटो कॉपी भी किसान को दी जाएगी। जिन किसानों ने आधार कार्ड या ऋण खाते का नंबर नहीं दिया है उनके अलग से वक्त मिलेगा। कर्ज की रकम किसान के खाते में डालते ही उन्हें sms से सूचित किया जाएगा। भुगतान के बाद किसानों को ऋण मुक्ति प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
कर्जमाफी की अहम तारीखें
– 15 जनवरी तक संबंधित बैंक ब्रांच में लगाई जाए और पोर्टल में भी डाली जाएगी
– 26 जनवरी को ग्रामसभा की बैठक में हरे, सफेद और गुलाबी फार्म की जानकारी दी जाएगी
– 26 जनवरी तक अर्जी नहीं दे पाने वाले किसानों को 5 फरवरी 2019 तक ग्राम पंचायत में जमा करने का एक और मौका दिया जाएगा
– 15 जनवरी से 5 फरवरी के बीच ऐसे ऋण खाते आधार लिंक कराए जा सकेंगे जो आधार से नहीं जुड़े.
ऑफ लाइन आवेदनों को 26 जनवरी 2019 तक पोर्टल में डाल दिया जाएगा
इन जरूरी बातों का भी ध्यान रखें –
जिन किसानों के कर्ज आधार से नहीं जुड़े उन्हें बैंक जाकर आधार से जुड़वाना होगा।
जो किसान आधार कार्ड से कर्ज लिंक नहीं कराएंगे उनको कर्जमाफी नहीं मिलेगी।
अगर जमीन ग्राम पंचायत के दायरे में है तो अर्जी पंचायत में और शहर में जमीन है तो नगरीय निकाय के दफ्तर में जमा होगी।
आवेदन पत्र के साथ जमा करें
– आधार कार्ड की फोटो कॉपी
– सरकारी या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक है तो ऋण खाता पासबुक का पहले पन्ने की फोटोकॉपी।
– सहकारी बैंक या कृषि समिति से लोन लिया गया है तो ऋण खाता पासबुक की जरूरत नहीं।
– जमीन अगर कई पंचायतों में आती है तो जिस पंचायत में उसका घर है वहां अर्जी जमा होगी।