जवाब: नहीं, कॉलेज परिसर में जैमर नहीं लगाए गए हैं। जब सरकार ही गल्र्स को मोबाइल देकर संचार तकनीक फ्रेंडली बना रही है, तो जैमर की क्या आवश्यकता है? मोबाइल का प्रयोग पढ़ाई, सुरक्षा और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित किया जाता है।
जवाब: इंडोर स्टेडियम के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। इसकी लागत के बारे में तो अभी सटीक नहीं बता सकती, लेकिन इसके बनने से टेबल टेनिस, बैडमिंटन आदि इंडोर गेम्स की प्रतिभाएं कॉलेज से निकलेंगी।
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं है। हमारे यहां पूरा टीचिंग स्टाफ है। महाविद्यालय में शिक्षण का रिकॉर्ड बेहतर है। इसके चलते ही पिछले शैक्षणिक सत्र की अपेक्षा इस वर्ष एक हजार अधिक स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया।
जवाब: हमारे पास सिक्योरिटी गाड्र्स हैं। इसके सिवा पुलिस बाहर निगरानी रखती है। कॉलेज शुरू होने के समय से लेकर छुट्टी होने तक डायल 100 की गाडिय़ां चक्कर लगाती हैं। महिला पुलिस चौकी का निर्माण भी होना है।
जवाब: कॉलेज परिसर में ही कैंटीन की व्यवस्था है, जिसमें खान-पान की सुविधा है। स्टूडेंट्स यहां से अल्पाहार ले सकती हैं। खान-पान की गुणवत्ता पर भी नजर रखी जाती है।
जवाब: हां, कम्प्यूटर एप्लीकेशन समेत कई वोकेशनल कोर्सेज/डिप्लोमा संचालित किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें पास आउट होने के बाद जॉब के लिए भटकना नहीं पड़े। कुछ कोर्स ऐसे भी जिनके बाद अपना काम भी शुरू किया जा सकता है।