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भोपाल

Alvida 2019: ये हैं वो पांच घटनाएं, जिससे कांप गया मध्यप्रदेश

सरकार बनने के महीने बाद ही सतना में घटी थी दिल दहला देने वाली घटना

भोपालDec 31, 2019 / 04:56 pm

Muneshwar Kumar

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भोपाल/ मध्यप्रदेश को शांति का टापू कहा जाता है लेकिन 2019 में कुछ ऐसे अपराध मध्यप्रदेश में हुए जिस कारण प्रदेश दहल गया। एक किस्सा 2019 में बात करेंगे उन अपराधों की जिनके कारण सियासत के साथ-साथ प्रदेश का हर नागरिक यही कहने लगा कि शांति का ये प्रदेश अशांति का गढ़ बन गया है।
1. साल के शुरुआती महीने जनवरी में ही 16 तारीख को मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में व्यापारी संदीप अग्रवाल की सरेराह गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। संदीप केबल कारोबार से जुड़े हुए थे। विजयनगर इलाके में अपने ऑफिस से बाहर निकलकर गाडी़ में बैठे तभी हमलावर ने उन पर गोलियां बरसा दीं। संदीप अग्रवाल को तीन गोलियां लगी थीं जिससे उनकी मौत हो गई। गोलियां बरसाने के बाद आरोपी मौके से भाग निकला। लेकिन सीसीटीवी में कैद हुई इस घटना ने कानून व्यवस्था की कलई खोल दी। जांच में पता चला कि संदीप की हत्या सुपारी देकर कराई गई है। कड़ियों को जोड़ा गया तो ये भी निकलकर सामने आया कि केबल कारोबार के 19 करोड़ रुपए को लेकर वारदात हुई है। अग्रवाल की हत्या के पीछे रोहित सेठी का नाम आया जिसे पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया। यह घटना कई महीनों तक मध्यप्रदेश में चर्चा का विषय रही
2. जनवरी के बाद महीना आया फरवरी का और फरवरी में चित्रकूट में 12 फरवरी को जब दो जुड़वा बच्चों की खबर आईं तो पूरा देश हिल गया। दिनदहाड़े स्कूल बस में घुसकर बंदूकों की नोंक पर बदमाश दोनों जुड़वां बच्चों को किडनैप कर ले गए। जैसे ही खबर लगी तो पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई। पुलिस के आला अधिकारी और प्रशानिक अमला घटना की तफ्तीश में जुट गया। बस का सीसीटीवी फुटेज सामने आया। फुटेज में दिखा कि बदमाश बस में घुसे और बंदूक की नोंक पर दोनों बच्चों को अपने साथ उठा ले गए। बच्चों की किडनैपिंग के बाद खूब बवाल भी हुआ। बच्चों के पिता ब्रजेश रावत ने तेल कारोबारी हैं बच्चों को ढूंढने की गुहार लगाई। कई जगह प्रदर्शन हुए। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस की अलग-अलग टीमें जंगलों में उतरीं और बच्चों की तलाश शुरु की।
आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया गया लेकिन इससे पहले कि पुलिस बच्चों तक पहुंच पाती। 23 फरवरी को दोनों बच्चों के शव यूपी में बांदा में यमुना नदी से बरामद हुए। बच्चों की लाश मिलने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। स्कूल में तोड़फोड़ हुई। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। मामले में राजनीति भी हुई पूर्व सीएम शिवराज बच्चों के परिजन से मिलने पहुंचे और पुलिस के साथ-साथ सरकार को भी जमकर कोसा। पुलिस की तफ्तीश तेज हुई और एक-एक कर 6 आरोपी पुलिस की गिरफ्त आए। जब पूछताछ हुई तो पता चला कि रामकेश यादव जो कि बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था वो ही मास्टरमाइंड है और उसने ही अंदर की जानकारी बाहर पहुंचाई। पुलिस की जानकारी में किडनैपर्स को 20 लाख रुपए की फिरौती भी दी गई थी। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की गई। बाद में इस मामले के एक आरोपी ने जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
3. चित्रकूट में हुई इस घटना का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि 15 मार्च को दमोह में एक कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। चौरसिया की हत्या का आरोप पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के पति और देवर समेत अन्य लोगों पर लगा। देवेन्द्र चौरसिया हत्या के कुछ दिन पहले ही बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनकी हत्या के बाद हडकंप मच गया। विधायक पति पर आरोप लगे तो जमकर सियासत भी हुई। घटना के विरोध में बाजार बंद हुए, परिजन धरने पर बैठे जिसके बाद पुलिस पर दबाव बना औऱ पुलिस ने आरोपियों पर ईनाम की घोषणा की लेकिन इस मामले में अहम मोड़ उस वक्त आया जब हत्या का आरोपी और विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह विधानसभा में घूमते हुए देखा गया। मीडिया ने खबर उठाई तो पता चला कि पुलिस अपनी जांच में गोविंद सिंह को क्लीन चिट दे दी है। दूसरी तरफ आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरु हुआ कुछ आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा तो कुछ ने खुद सरेंडर कर दिया। जिनमें रामबाई का भतीजा भी शामिल है।
विधायक रामबाई गृहमंत्री से मिलने के लिए पहुंची। वजह थी जेलर की तरफ से लिखा गया वो पत्र जिसमें रामबाई के भतीजे को दूसरी जेल में भेजे जाने की सिफारिश करना। जेलर ने प्रशासन को भेजे अपने लेटर में लिखा था कि रामबाई के भतीजे का बर्ताव जेल में ठीक नहीं है इसलिए उसे दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाएगा। इस मुद्दे पर रामबाई ने गृहमंत्री बाला बच्चन से मुलाकात की और बाहर आकर मीडिया से ये तक कह दिया कि अगर जेलर को नहीं हटाया गया तो गृहमंत्री के बंगले के सामने धरना प्रदर्शन करेंगी। कुछ दिन बाद जेलर के ट्रांसफर की खबर आ गई।
4. 1 मई को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक ऐसी खबर आई जिसने राजधानी को शर्मसार कर दिया। भोपाल के पर्यटन स्थल मनुआभान टेकरी की झाड़ियों में एक 12 साल की बच्ची की खून से लथपथ लाश मिली। बच्ची को दरिंदगी का शिकार बनाने के बाद हैवानों ने बेरहमी से पत्थर से सिर कुचलकर मौत के घाट उतारा था। मासूम 30 अप्रैल को अपनी चचेरी बुआ और उसके बॉयफ्रेंड अविनाश साहू के साथ मनुआभान टेकरी घूमने के लिए गई थी। जिसके बाद अचानक लापता हो गई। परिजन ने काफी तलाशा लेकिन कुछ पता नहीं चला।
उसी रात परिजन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। दूसरे ही दिन पुलिस को टेकरी के नीचे झाड़ियों में बच्ची की खून से लथपथ लाश मिली। तफ्तीश आगे बढ़ी और शक के आधार पर जब पुलिस ने अविनाश से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया और पुलिस को बताया कि वारदात के दिन बच्ची की बुआ के साथ किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी जिसके बाद वो पहाड़ी की दूसरी ओर चली गई। इसी दौरान वो और उसका दोस्त ने बच्ची को झाड़ियों में ले गए और उसके साथ रेप किया। फिर अपनी करतूत को छिपाने के लिए उसकी पत्थर से हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन 7 महीने से भी ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी इन दरिंदों को सजा नहीं मिल पाई है।
5. हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ जो हुआ उस घटना ने देश को झकझोर कर दिया। इसी बीच मध्यप्रदेश के मुरैना से भी एक ऐसी खबर आई जो हैरान कर देने वाली थी। दिन था 29 नवंबर…मुरैना जिले के पोरसा जैसे छोटे शहर में एक छात्रा की सरेराह गोली मारकर हत्या कर दी गई। छात्रा का नाम मोहिनी था जो अपनी सहेली और बहन के साथ कोचिंग से घऱ लौट रही थी। तभी रास्ते में बाइक से आए बदमाश ने पहले तो उसका रास्ता रोका और फिर गोली मारकर फरार हो गया।
मोहिनी की मौत प्रदेश के लिए सनसनी बन गई। पुलिस तफ्तीश में जुटी तो पता चला कि आरोपी का नाम विशाल जाटव है। जिसे कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने भिंड स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ हुई तो जो सच निकलकर सामने आया वो हैरान कर देने वाला था। आरोपी विशाल ने पुलिस को बताया कि वो मोहिनी से पिछले ढाई साल से प्यार करता था कई बार शादी के लिए प्रपोजल भी रखा लेकिन हर बार मोहिनी ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। बार बार अपने प्यार को ठुकराए जाने से नाराज विशाल ने अपने साथी आकाश और दो नाबालिगों के साथ मिलकर उसकी हत्या करने की साजिश रची और कोचिंग से लौटते वक्त मोहिनी को मौत के घाट उतार दिया।

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