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भोपाल

रोड शो कर आने वाली आनंदी बेन खामोशी के साथ मध्यप्रदेश से हुई विदा

Anandiben : मध्यप्रदेश राजभवन में वर्षों की परम्परा टूटी

भोपालAug 01, 2019 / 06:54 am

दीपेश अवस्थी

anandiben patel

निडर और साहसी स्वभाव के लिए जानी जातीं है आनंदीबेन पटेल, इस काम के लिए मिल चुका है वीरता पुरस्कार

भोपाल. मध्यप्रदेश में निर्वतमान राज्यपाल की सम्मान और समारोह पूर्वक विदाई की परम्परा है, लेकिन इस बार यह परम्परा टूट गई। आनंदी बेन पटेल ने किसी को मौका नहीं दिया। खामोशी के साथ मध्यप्रदेश से रवाना हुईं आनंदी बेन ने उत्तरप्रदेश के राज्यपाल पद की कमान संभाल ली।

23 जनवरी 2018 को मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी संभालने वाली आनंदी बेन पटेल का मध्यप्रदेश आगमन चर्चित रहा। गुजरात से मध्यप्रदेश तक का सफर उन्होंने सड़क मार्ग से तय किया था। रोड शो के दौरान स्थान-स्थान पर उनका स्वागत किया गया।

कार्यभार संभालने के उन्होंने राजभवन की परम्पराएं तोड़ते हुए आंगनवाड़ी सहित अन्य संस्थाओं का औचक निरीक्षण भी किया। उनकी सक्रियता ने तत्कालीन भजपा सरकार की नींद उड़ा दी। वे जिस अंदाज में मध्यप्रदेश आईं, उसके विपरीत मध्यप्रदेश से विदा हो गईं। जिस समय उनके उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बनाए जाने के आदेश हुए थे उस समय वे अपने प्रभार वाले छत्तीसगढ़ राज्य में थीं।

उम्मीद थी कि वे भोपाल लौटेंगीं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं से वे सीधे अपने गृह प्रदेश गुजरात के लिए रवाना हो गईं। इसके बाद वे भोपाल नहीं आईं। गुजरात से सीधे उत्तर प्रदेश पहुंचकर उन्होंने राज्यपाल पद की जिम्मेदारी संभाल ली। राजभवन अधिकारी-कर्मचारी उनकी विदाई के लिए इंतजार ही करते रहे, लेकिन उनकी ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला। अब वे २ अगस्त को भोपाल आने का कार्यक्रम है।

 

ऐसी है परम्परा –

राजभवन से विदा होने के पहले राज्यपाल अपने अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों मुलाकात करते हैं। उपहार इत्यादि भी दिए जाते हैं। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद खुली गाड़ी में उन्हें राजभवन से विदा किया जाता है। पहले बग्गी से विदाई की परम्परा थी, अब इसका स्थान खुली गाड़ी ने ले लिया।
यहां कड़वाहट ऐसी रही कि ट्रेन से रवाना हुए महामहिम –

अप्रेल 1998 से मई 2003 तक मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे डॉ. भाई महावीर की जिक्र करें तो इन्हें राजभवन के अधिकारी-कर्मचारियों ने तो पूरे सम्मान के विदाई दी गई। लेकिन सरकार ने इससे दूरी बनाए रखी। उस दौरान में सरकार और राजभवन में कड़वाहट ऐसी रही कि मध्यप्रदेश से विदा होने के दौरान उन्होंने अपने गृह प्रदेश दिल्ली जाने के लिए सरकारी हैलीकॉप्टर या सरकारी एयरोप्लेन का इस्तेमाल नहीं किया। वे ट्रेन से विदा हुए।

ये विदाई के बाद एयर एम्बूलेंस से हुए रवाना –

मध्यप्रदेश के राज्यपालों में रामनरेश यादव का कार्यकाल विवादों के साथ सुर्खियों में रहा। व्यापमं घोटाले में इनका नाम आने के कारण विवाद अधिक हुए। कार्यकाल समाप्त होने के पहले इनका स्वास्थ्य अधिक रहने लगा इसलिए इनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।

अस्पताल से राजभवन आए, तो इन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी पत्नी साधना सिंह सहित मंत्रियों, राज्य सरकार के अफसरों, गणमान्य नागरिकों ने सम्मानपूर्वक विदाई दी। गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तबियत खराब होने के कारण इन्हें एयर एम्बूलेंस से उनके गृह नगर लखनऊ भेजा गया।

 

आनंदी बेन से यूपी में शुरू की नई परम्परा –

मध्यप्रदेश की राज्यपाल रहीं आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश राज्यपाल पद की कमान संभालने के दौरान पुरानी परम्पराओं को तोड़ते हुए निर्वतमान राज्यपाल से चार्ज लेकर नई परम्परा की शुरूआत कर दी। उनके शपथ ग्रहण कार्यक्रम में निवर्तमान राज्यपाल रामनाईक भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में मौजूद नाईक ने अपने उत्तराधिकारी राज्यपाल आनंदी बेन को चार्ज सौंपा। वैसे मध्यप्रदेश की तरफ लगभग सभी राज्यों में यह परम्परा है कि मनोनीत राज्यपाल के राजभवन में आने से पहले निर्वतमान राज्यपाल की रवानगी हो जाती है।

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