इस पर संभागायुक्त ने नगर निगम अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि हर बार बैठक में अलग आंकड़ा प्रस्तुत कर रहे हैं। कोई एक आंकड़ा बताइए। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने 80 हजार कुत्तों की नसबंदी पिछले पांच साल में होना बताया।
इसके बाद संभागायुक्त ने सवाल किया कि जब इतनों की एबीसी की तो गली-गली कुत्तों की संख्या कैसे बढ़ गई। इस सवाल के जवाब में अफसर कुछ नहीं बोल सके। शहर में नसबंदी के लिए कुछ और नए सेंटर खोले जाने हैं इसके लिए नगर निगम ने टेंडर जारी किए हैं। लेकिन एक ही कंपनी ने रुची दिखाई है। अब फिर से टेंडर जारी किए जाएंगे।
276 खूंखार कुत्ते, इनके लिए करनी है व्यवस्था
बैठक में ही नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि शहर 276 खूंखार कुत्ते हैं जिनका रेस्क्यू किया गया है। लेकिन इनको कहां रखना है इसको लेकर संकट खड़ा हो गया है। ये कुत्ते अभी अलग-अलग शेल्टर हॉम्स में हैं। लेकिन वहां आपस में लड़ते हैं। इनके लिए खाना उपलब्ध कराने के लिए संभागायुक्त ने शहर में कई जगह फूड जोन बनाने के निर्देश दिए हैं।
जहां से अन्य आवारा कुत्तों व शेल्टर हॉम्स में रह रहे कुत्तों को खाना जा सके, लेकिन अभी तक नगर निगम इसकी व्यवस्था भी नहीं कर पाया है। संभागायुक्त ने कहा कि जल्द ही फूड जोन की व्यवस्था करें ताकि कुत्तों को भोजन मिल सके।