स्पीकर और हेडफोन पर एक साथ कई आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन जैसे ही कोई इनमें से एक हेडफोन पहनता है तो उसे हिंदी या अग्रेंजी भाषा में कोई शख्स अपनी कहानी बयां करते हुए सुनाई देता है। इनमें से कुछ कहानियां रूलाती हैं तो कुछ को सुनकर सोसाइटी पर गुस्सा भी आता है।
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महिला, रिफ्यूजी, एलजीबीटी और गैस ट्रेजडी विक्टिम की कहानी
‘चेंज रूम’ के कॉन्सेप्ट को इंट्रोड्यूस करने वाली विजुअल आर्टिस्ट बारान इजलाल बताती हैं कि इस कि इस रूम में जाकर हर किसी का सोचने का नजरिया बदल जाता है। बारान बताती हैं कि यहां ऐसे लोगों की रिकॉर्डिंग है जिन्हें कहना तो बहुत कुछ है लेकिन किसी ना किसी वजह से वे कुछ कह नहीं पाते हैं। अपने व्यूज, डिजायर, प्लेजर या उनकी लाइफ से जुड़ी ऐसी कोई भी बात जो वे बाहर किसी को नहीं बता सकते।
वे लोग हमें अपनी कहानियां बताते हैं, उनकी बातों को हम ऑडियो पर रिकॉर्ड करके यहां सुनाते हैं। इसमें बहुत से रिफ्यूजी, भोपाल गैस ट्रेजडी विक्टिम, बहुत सी महिलाएं और एलजीबीटी कम्युनिटी से जुड़े लोगों ने अपनी कहानी शेयर की है। इसमें जिसने भी रिकॉर्डिंग की है उसके साथ कोई शर्त नहीं रखी गई। चाहें तो वो अपना नाम बताएं या नहीं यह उन पर निर्भर है।
अब तक रिकॉर्ड कर चुके हैं 40 कहानियां
भोपाल के सेंट जोसेफ से स्कूलिंग और सैफिया कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद दिल्ली में सेटल हो चुकीं बारान बताती हैं कि इसका आईडिया अप्रैल 2018 में आया और तभी मैंने रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। अब तक 40 से अधिक लोगों की रिकॉर्डिंग की है। एक महिला ने तो 7 घंटे तक अपनी कहानी सुनाई थी, मैं सिर्फ उनकी कहानी सुनती हूं, मैं इन कहानियों की फस्र्ट विटनेस हूं, मैं चाहती हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग विटनेस बनें।
ट्रैवलिंग शो है चेंज रूम
बारान बताती हैं कि चेंज रूम एक ट्रैवलिंग शो है। यह अहमदाबाद, कोलकाता में दिखाया जा चुका है, अब दिल्ली में इंडिया आर्ट फेयर में होगा। हमारी कोशिश है कि इन आवाजों को जितनी ज्यादा जगह लेकर जा सकें। बारान बताती हैं कि हम बार सोशल मीडिया पर अनाउंस करते हैं, कोई भी अपनी कहानी शेयर करना चाहता है तो वहां यहां संपर्क कर सकता है।