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भोपाल

चुनाव की घोषणा होते ही दलों में बढ़ी सक्रियता, जोर आजमाइश शुरू

प्रदेश में कोलारस और मुंगावली में उप चुनाव का ऐलान…. भाजपा शिवराज सिंह चौहान के भरोसे जीतना चाहती है चुनाव

भोपालJan 20, 2018 / 09:19 am

दीपेश तिवारी

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भोपाल। कोलारस और मुंगावली में उप चुनाव का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक दलों में सक्रियता बढ़ी है। यहां भाजपा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसे है। भाजपा ने यहां पहले ही नेताओं की जिम्मेदारी तय कर दी है, जबकि कांग्रेस ने सिंधिया के भरोस मैदान छोड़ रखा है।चौदहवीं विधानसभा में अब तक 12 उपचुनाव हो चुके हैं। इनमें से सिर्फ 3 कांग्रेस जीती है, बाकी 9 जगहों पर भाजपा को विजय मिली है। पिछला चित्रकूट में हुआ आखिरी उपचुनाव भाजपा कड़ी मशक्कत के बाद भी हार गई थी। इधर कोलारस और मुंगावली की राह भी भाजपा के लिए आसान नहीं है।

सिंधिया के गढ़ की इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का ही कब्जा था। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अब सिर्फ 10 महीने बाकी हैं। एेसे में भाजपा इन चुनाव को जीत कर सिंधिया के गढ़ में अपनी साख बनाना चाहती है। भाजपा ने हर विधानसभा में तीन -तीन मंत्रियों के साथ दो-दो संगठन पदाधिकारियों को पहले से तैनात कर रखा है। उधर मुख्यमंत्री के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और प्रदेश संगठन महामंत्री भी लगातार मॉनीटर कर रहे हैं। चुनाव की घोषणा के बाद अब पार्टी के लिए सबसे बडा संकट दोनों सीटों पर उम्मीदावर तय करना होगा। दोनों ही जगहों पर पार्टी में टिकट के बाद असंतोष की आशंका है। संभावना है कि पार्टी प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में दोनों जगहों के लिए तीन या चार नामों का पैनल बना कर दिल्ली भेज सकती है।

 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसे दोनों सीटें, प्रतिष्ठा दांव पर
इधर, मध्यप्रदेश की रिक्त दो विधानसभा सीटें कोलारस और मुंगावली में, जहां सत्तारूढ़ दल भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। वहीं, कांग्रेस ने इन सीटों को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसे छोड़ दिया है। सिंधिया के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा से जुड़ा है। चुनाव घोषित होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि पीसीसी यहां नेताओं की जिम्मेदारी बांटेगी।

 

मुंगावली और कोलारस विधानसभा क्षेत्र सांसद सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र हैं। विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा और रामसिंह के निधन के कारण ये सीटें रिक्त हुई हैं। चुनाव घोषित होने के पहले से यहां सिंधिया कई सभाएं, सम्मेलन कर चुके हैं। इनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय ङ्क्षसह, कांतिलाल भूरिया सहित अन्य नेताओं ने भी क्षेत्र में मंच सांझा किया। भाजपा यहां विकास के नाम पर चुनाव लडऩा चाहती है, जबकि कांग्रेस सरकार की नाकामियों को बताने के साथ सरकार से असंतुष्ट लोगों के साथ खड़ी नजर आ रही है।

कांग्रेस नाराज लोगों को साधने के साथ ही इनको वोट बैंक में बदलना चाहती है। दूसरी ओर बूथ स्तर पर भी फोकस किया गया है। इन क्षेत्रों में उम्मीदवार चयन की बात की जाए तो अभी तस्वीर धुंधली है। कोलारस में रामसिंह के पुत्र महेन्द्र सिंह और पुत्री मिथिलेश के नाम की चर्चा है। मिथिलेश जनपद अध्यक्ष हैं। मुंगावली में महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा के भाई को दावेदार माना जा रहा है।

 

उपचुनाव घोषित हुए हैं,लेकिन पार्टी की तैयारी लगातार जारी है। हम दोनों सीटों पर अच्छे बहुमत से जीतेंगे। -नंदकुमार सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

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