बेटी को गले लगाकर बोले- परिवार और देश का नाम रोशन किया है, ऐसी बेटी पाकर मैं धन्य हो गया। इस मौके पर हर्षिता ने बताया कि फाइनल रेस में कोच की रणनीति के हिसाब से पानी में उतरी थी, जिसका फायदा मिला। सरकार ने जो सम्मान राशि दी है उससे खुश हूं। इस दौरान हर्षिता और सेलर गोविंद बैरागी को जीप में बैठाकर रैली भी निकाली गई। पीएनटी कालोनी रहवासी समिति ने हर्षिता का सम्मान किया। बीएसएनएल के जीएम केएल सूर्यवंशी, सेक्रेटरी आरके यादव, डीजीएम पत्रिका वीपीएस भदौरिया, उमाशंकर व्यास ने हर्षिता को बधाई दी।
पदक जीतने के बाद हर्षिता ने कहा था कि वह शुरू से ही ओपन लेजर 4.7 स्पर्धा में खेलना चाहती थी। इसमें महिला और पुरुष खिलाड़ी एक साथ चुनौती देते हैं। खुशी है कि मैं लड़कों को हराकर देश के लिए पदक जीत पाई।
मैंने कोशिश तो कि थी कांस्य को रजत में बदलूं, लेकिन हवाओं के प्रभाव से ऐसा नहीं कर पाई। बता दें, सेलिंग हवा पर निर्भर खेल होता है। इसी हिसाब से कोर्स का आकार घटाया और बढ़ाया जाता है।
हवा की रफ्तार तेज होने पर कोर्स बढ़ा दिया जाता है, जबकि कम होने पर घटा दिया जाता है। इसमें 50 मिनट में रेस पूरी करनी होती है। इसमें पहले रेस फिनिश करने वाले को 1 अंक मिलता है। दूसरे स्थान वाले को दो, तीसरे को तीन और इसी क्रम में आगे बढ़ते जाते हैं और सभी 12 रेस पूरी करने के बाद औसत निकाला जाता है। जिस सेलर के सबसे कम अंक होते हैं, वह विजेता बनता है।