वारदात के दो आसान तरीके
1. ATM का पावर ऑफ करके
गिरोह के सदस्य एटीएम में ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जैसे ही कैश इजेक्टर विंडो में रकम आती उसी वक्त ATM का पावर स्वीच को ऑफ कर देते हैं। इससे ट्रांस्जेक्शन कैंसिल हो जाता था। आरोपी कैश विंडो से राशि निकाल बैंक से शिकायत करते हैं।
2. 30 सेकंड तक नोट को रोकते हैं
गिरोह के सदस्य कैश इजेक्टर विंडो पर हाथ रखकर ठगी करते हैं। 30 सेकंड तक आरोपी विंडो से निकल रहे नोट को हाथ से पकड़कर रखते हैं। 30 सेकंड बाद ट्रांजेक्शन कैंसल होने का स्क्रीन में मैसेज देखते ही नोट निकाल लेते हैं। इसके बाद शिकायत करते हैं।
पुलिस महानिदेशक एसटीएफ पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि गिरोह से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र लिखा जाएगा, जिससे इस तरह के ट्रांजेक्शन कैंसिल कर ठगी करने वाली शिकायतों की गंभीरत से जांच कर रकम वापस दी जाए।
आरोपी कार से भोपाल आए थे। अशोका गार्डन इलाके में वारदात के बाद विदिशा, रायसेन में रैकी करने गए। इसके बाद आरोपी वापस भोपाल आए। इसी बीच एसटीएफ ने आरोपियों को अशोका गार्डन इलाके से दबोच लिया।
8वीं पास से ग्रेजुएट तक हैं गिरोह में
एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि गिरोह में 8वीं पास से ग्रेजुएट तक के सदस्य शामिल हैं। आरोपियों की पहचान नूह थाना सदर नूह, जिला मेवात हरियाणा निवासी सलीम मोहम्मद, राशिद खान, मो.नदीम, मोहित राय को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना राशिद खान है।