पांच महीने में यह चैथा मौका है जब ओटी में बैक्टीरियल इंफेक्शन पाया गया है। संक्रमण के चलते ओटी को सात दिन के लिए बंद किया गया है जिससे मोतियाबिंद समेत सभी बड़े ऑपरेशन फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। मालूम हो कि बीते साल दिसंबर में भी यहां संक्रमण मिला था तब इसे सात दिन के लिए बंद किया गया था।
हफ्ते भर पहले फि र ओटी से अलग-अलग जगह से सैंपल लेकर जांच के लिए हमीदिया अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेजे गए थे। यहां से तीन दिन पहले आई जांच रिपोर्ट में बैक्टीरिया मिला है। इसके बाद से ऑपरेशन बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ ट्रामा (आंख में चोट) संबंधी सर्जरी ही माइनर ओटी में की जा रही हैं।
धूल के कारण हो रही दिक्कत
मालूम हो कि अस्पताल में 2 हजार बिस्तर के अस्पताल के साथ कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। यहां से उड़ती धूल ओटी तक पहुंच रही है। यही कारण हे कि बार-बार संक्रमण मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक यहा हर रोज आंखों के एक दर्जन से ज्यादा ऑपरेशन किए जाते हैं। ओटी को संक्रमणमुक्त (फ्यूमीगेट) करने के बाद फि र से जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ऑपरेशन शुरू हो पाएंगे।
मालूम हो कि अस्पताल में 2 हजार बिस्तर के अस्पताल के साथ कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। यहां से उड़ती धूल ओटी तक पहुंच रही है। यही कारण हे कि बार-बार संक्रमण मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक यहा हर रोज आंखों के एक दर्जन से ज्यादा ऑपरेशन किए जाते हैं। ओटी को संक्रमणमुक्त (फ्यूमीगेट) करने के बाद फि र से जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ऑपरेशन शुरू हो पाएंगे।
इतना खतरनाक है संक्रमण सर्जरी करने वाले उपकरणों के संक्रमित होने पर आंख में संक्रमण होना तय है। प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब उपकरणों में संक्रमण के चलते मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों के आंख की रोशनी चली गई है।