एक कॉलेज की बाउंड्रीवॉल को टीम कई बार देखकर ही वापस आ गई है, लेकिन उसे तोडऩे की जहमत नहीं उठाई। वर्ष 2019 में जरूर इंदौर रोड पर जरूर 5 पक्के निर्माणों को जेसीबी की मदद से तोड़ा गया, कैचमेंट में बने एक पटाखा गोदाम पर भी कार्रवाई की। इस साल की गई कार्रवाई पहले होती तो आज अतिक्रमण की संख्या 361 नहीं पहुंचती। लेकिन टीम जितनी बार कार्रवाई करने गई सिर्फ टीन टपरे ही तोड़े।
खानूगांव क्षेत्र में घुसपैठ कोई आज से नहीं हो रही, जानकार बताते हैं कि पिछले 12-15 साल से कब्जे हो रहे हैं, लेकिन पहले ये कच्चे थे। मछलीपालने वाले चार बांस गाढ़कर अपना सामान रखते थे। बाद में इनमें टीनें लगीं और धीरे-धीरे ये पक्के निर्माण होते चले गए। 2016-17 में रिटेनिंग वॉल खड़ी कर तालाब की सरहद तय की गई, लेकिन पानी वॉल को पार कर गया और अधिकारियों को अपनी सरहद बता दी। यहीं पर एक पाथवे तैयार किया गया, कई रसूखदारों के फॉर्म हाउस भी यहां हैं, लेकिन अतिक्रमण तोडऩे गए दल ने सिर्फ इनकी गिनती की और टीन टपरों पर ही जेसीबी चलाई। इंदौर रोड पर सड़क के दोनों तरफ मुनारें लगी हैं, लेकिन धीरे-धीरे कर यहां दुकानें तनती चली गईं। इस बार अतिक्रमण इनको भी चिन्हित किया गया। आधा चिरायू अस्पताल सीना तान कर बड़े तालाब में खड़ा है। लेकिन इन भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ये हैं बैरागढ़ सर्किल के क्षेत्र
खानूगांव, बोरवन, बेहटा, लाउखेड़ी, हलालपुर, वनट्री हिल्स, राजेंद्र नगर आदि अन्य क्षेत्र हैं जहां कैचमेंट में लोगों ने बड़े-बड़े निर्माण कर अवैध कब्जे किए हैं। पिछले चार साल में यहां पर झुग्गियों की संख्या भी काफी बढ़ी है। वन ट्री हिल्स के पास तो एक कतार से झुग्गियां बस गईं हैं। लेकिन अधिकारी इनकी भी रिपोर्ट बना रहे हैं।
बड़ा तालाब से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दे रखे हैं। जल्द ही कार्रवाई कराई जाएगी।
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर