कर्मचारी संगठनों ने ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने एकत्रित होकर पहले रैली निकाली। बैंकों में ताले खुले,लेकिन काउंटरों पर कामकाज नहीं हुआ। इसी प्रकार बीमा, डाकतार, बीएसएनएल, कोयला, परिवहन, तेल, पोर्ट, विमानन एवं अन्य संस्थाओं के कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। हड़ताल में आषा, उषा, आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने भी शामिल रहे। ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारी आरडी त्रिपाठी, रूप सिंह चौहान, यशवंत पुरोहित एवं वीके शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि इस आंदोलन में इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस, एआइयूटीयूसी सहित अन्य केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं अन्य कर्मचारी शामिल है। उन्होंने बताया कि संख्या के हिसाब से विश्व की यह सबसे बड़ी हड़ताल है।
बिजली एक्ट संशोधन के विरोध में इंजीनियरों ने किया प्रदर्शन
इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2018 व निजीकरण के विरोध में मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स के बैनर तले इंजीनियरों ने काम का बहिष्कार, दिया धरना। फोरम के संयोजक वीके एस परिहार ने बताया कि बिजली उत्पादन क्षेत्र में बैंकों का ढाई लाख करोड़ रुपए फंसा हुआ है। यदि बिल पास होता है तो बिजली 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट तक महंगी हो जाएगी।
इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2018 व निजीकरण के विरोध में मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स के बैनर तले इंजीनियरों ने काम का बहिष्कार, दिया धरना। फोरम के संयोजक वीके एस परिहार ने बताया कि बिजली उत्पादन क्षेत्र में बैंकों का ढाई लाख करोड़ रुपए फंसा हुआ है। यदि बिल पास होता है तो बिजली 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट तक महंगी हो जाएगी।