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भोपाल

रूट बने हुए वर्षों हो गए, लेकिन अभी तक नहीं बनाए स्टॉपेज

– हर मौसम में परेशान होते हैं यात्री, बरसात से बचने छिपते इधर-उधर- गर्मी और बरसात में होती सबसे अधिक परेशानी, जिम्मेदार बेसुध- स्टॉपेज जहां बने भी, वहां विज्ञापन के लिहाज से, जन आवश्यकता उपेक्षित

भोपालOct 13, 2019 / 09:23 am

दिनेश भदौरिया

रूट बने हुए वर्षों हो गए, लेकिन अभी तक नहीं बनाए स्टॉपेज

रूट बने हुए वर्षों हो गए, लेकिन अभी तक नहीं बनाए स्टॉपेज

भोपाल. बीसीएलएल ने राजधानी के बस रूट पर स्टॉपेज तो वर्षों पहले बनाए, लेकिन इनमें से कई स्टॉपेज अभी तक बिना शेड के हैं। यात्रियों को गर्मी, सर्दी, बरसात हर मौसम में खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है। सर्दियों में तो फिर भी गनीमत रहती है, लेकिन गर्मियों में धूप और बरसात में पानी से बचने के लिए यात्री इधर-उधर छिपते हैं।

हालांकि, बीसीएलएल अधिकारी बस स्टॉपेज के शेड बनाने को जगह की कमी का रोना रोते हैं, लेकिन बस स्टॉपेज के पहले से बने शेड पर दूसरे काम चल रहे हैं या शेड वाली जगह पर दूसरे बिजनेस किए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि बीसीएलएल यात्रियों की सुविधा से अधिक ध्यान ऐसे स्टॉपेज पर शेड बनाने में रहता है, जहां विज्ञापन से अधिक रेवेन्यू जनरेट होता है।

सुबह 9.45 सर्वधर्म कॉलोनी ए सेक्टर
्रकोलार मेन रोड पर बस के इंतजार में यात्री खुले में खड़े होकर इंतजार कर रहे थे। जरा सा बादल होने पर कभी आसमान में और कभी आसपास बचने की जगह देख रहे थे। इस रोड पर सर्वधर्म कॉलोनी से लेकर कजलीखेड़ा तक बीसीएलएल की बसें चलती हैं, लेकिन महाबली नगर और बीमाकुंज को छोड़कर एक भी बस स्टॉप पर शेड नहीं बनाए गए हैं।

 

सुबह 10.00 बजे मनीषा मार्केट शाहपुरा

शेखर हॉस्पिटल और मनीषा मार्केट के पास बने इस स्टॉपेज पर सिर्फ बोर्ड लगा है। शेड के लिए जगह तो काफी पड़ी है, लेकिन यहां सब्जी आदि बेचने वालों ने कब्जा कर रखा है। सामने एक शेड बनाया भी गया तो कारोबारियों के कब्जे में है। इस शेड में शाम ढलने के बाद शराबियों का कब्जा हो जाता है।

सुबह 10.08 बजे पर्यावरण परिसर

यहां पर बस में आने-जाने वाले यात्री नहीं दिखते, लेकिन शेड अच्छे बने हैं। स्टील की चेयर्स भी लगाई गई हैं। इन शेड्स पर बांस का काम करने वालों का कब्जा है। इस समय रावण के पुतले और सामग्री बिखरी पड़ी थी। राजीव गांधी चौराहा, बिट्टन मार्केट से मनीषा मार्केट चौराहे तक जरा सी दूरी के लिए सड़क के दोनों ओर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर शेड बनाए गए हैं, जबकि यहां यात्री न के बराबर दिखाई देते हैं।

सुबह 10.23 बजे शैतान सिंह चौराहा

यहां बस स्टॉप पर ही स्र्माट डस्टबिन लगा दिए गए हैं। प्रसाधन के नाम पर स्ट्रक्चर ही रखे हैं। अभी तक यह सुविधा लोगों को नहीं मिली है। यहां दोनों ओर शेड बनाने के लिए पर्याप्त स्थान होने के बावजूद शेड नहीं बनाए गए। यात्री इधर-उधर खड़े होकर बस पकड़ते हैं।

जगह मिलने पर ही बनाते शेड

बीसीएलएल प्रवक्ता संजय सोनी का कहना है कि जहां पर बस स्टॉपेज बनाए जाते हैं, वहां यात्रियों की सुविधा के लिए शेड भी बनाए जाते हैं। जिस स्टॉपेज पर शेड बनाने के लिए स्थान नहीं होता, वहां केवल बोर्ड लगाकर बसों का ठहराव किया जाता है।
बीसीएलएल बसों के रूट

– चिरायु हॉस्पिटल/बैरागढ़ से आकृति ईको सिटी टीआर 1 -50
– ओल्ड बस स्टॉप से एचईजी मंडीदीप – टीआर-2-34
– नेहरू नगर से पटेल नगर – टीआर-3 —
– बैरागढ़/सीहोर नाका से एचईजी मंडीदीप/बंगरसिया – टीआर 4-47
– बैरागढ़/सीहोर नाका से बैरागढ़ चीचली – एसआर 1-35
– नेहरू नगर से कटारा हिल्स – एसआर 2-45
– गांधी नगर से सलैया/आकृति ईको सिटी – एसआर 3-58
– करोंद चौराहा से बैरागढ़ चीचली – एसआर 4 – 50
– चिरायु हॉस्पिटल बैरागढ़ से अवधपुरी, खजूरी कलां – एसआर 5-50
– सिटी डिपो स्क्वायर से अयोध्या नगर – एसआर-6- 48
– गांधी नगर से पटेल नगर बायपास – एसआर 7- 46
– कोच फैक्टरी से बैरागढ़ चीचली – एसआर 8-53

23 स्टॉपेज पर शेड बनाने के लिए टेंडर कॉल किए गए हैं। कुछ स्टॉपेज पर स्थान नहीं होने से शेड नहीं बनाए जा सके हैं। वहां भी जगह मिलने के बाद यात्री शेड बनाए जाएंगे।
– केवल मिश्रा, डायरेक्टर, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड

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