-मध्यप्रदेश में बनाया जाएगा रानी पद्मावती का स्मारक।
-सारी दुनिया को भारत ने वीरता का पाठ पढ़ाया।
-भारतीय में नारी हमेशा से ही पूज्यनीय रही है।
-भारतीय नारी का प्रतिबिंब थी रानी पद्मावती। अब रिलीज नहीं होगी पद्मावती
इधर नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार ने बताया की सोमवार को करणी सेना के पदाधिकारियों के साथ भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री से पद्मावती पर प्रतिबंध की मांग की गई थी। जनभावना को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में फिल्म प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
इधर खंडवा में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की ओर से रविवार को रैली निकालकर हिंदी फिल्म पद्मावती के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। सूचना संचार मंत्री को संबोधित ज्ञापन अभिषेक कार्निवाल के मैनेजर को सौंपा गया। ज्ञापन में लिखा है कि समस्त राजपूत समाज व हिंदू संगठन निवेदन करते हैं कि फिल्म पद्मावती में निर्देशक संजय लीला भंसाली द्वारा रानी सती पदमिनी जी के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है।
इंदौर में पद्मावती फिल्म में इतिहास को लेकर की गई छेड़छाड़ से राजपूत समाज में काफी आक्रोश है। समाज के लोगों का कहना है कि हम अपनी आन-बान-शान से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने बिना सुधार किए अगर फिल्म एक दिसंबर को रिलीज की तो समाज हर स्थिति से निपटने को तैयार है। फिलहाल समाज ने न्यायालय में याचिका दायर की है। अभा क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय सिंह परिहार का कहना है कि पद्मावती फिल्म को लेकर हमारा विरोध है। पैसे का लालच इतना है कि इतिहास को तोड़-मरोडक़र पेश किया जा रहा है। किसी भी हालत में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। रिलीज हुई तो खामियाजा भुगतने को तैयार रहें।