सडक़ के दोनों ओर गोविंदपुरा सिक्योरिटी लाइन की दीवार का बेहतर उपयोग नगर निगम ने भी स्वच्छता और शहर को खूबसूरत दिखाने में करना शुरू कर दिया है। उन्हे स्वच्छता का संदेश देती पेंङ्क्षटग्स यहां की पूरी दीवार पर बनवा रखी है।
सुरक्षा दीवार को कई स्थानों से तोडकऱ लोगों ने आवागमन बना रखा है। साथ ही दीवार की आड़ का लाभ उठाकर असामाजिक तत्व इसके पीछे जुआ, शराब से लेकर अनैतिक कार्य तक करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले असामाजिक तत्व भेल के टूटे क्वार्टर में जाते थे, जिन्हे टाउनशिप की सुरक्षा में लगे सुरक्षागार्ड आए दिन पडक़ लेते थे।
क्वार्टरों के बाहर खड़े वाहनों को देखकर आसपास के रहवासी भी पुलिस को सूचित कर देते थे। दीवार की आड़ में लोग गाड़ी अंदर छिपाकर बैठ जाते हैं।
नाम न छापने की शर्त पर सुरक्षा कर्मचारी ने बताया कि पहले ड्यूटी करने में इतनी समस्या नहीं थी, लेकिन अब एक-एक किलोमीटर लम्बी दीवार की आड़ में कौन छुपकर बैठा है या अपराध को अंजाम दे रहा है, टार्च मारने पर भी रात में दिखाई नहीं देता है।
दीवार के अंदर बने पिपलानी, गोविंदपुरा के झुग्गी निवासियों ने दीवार बनने के बाद भी अपना आवागमन करने के लिए रास्ता नहीं बदला, बल्कि दीवार के बीच ही बड़े-बड़े गड्ढे कर लिए हैं।
भेल एक नजर में
भेल की कुल जमीन-4500 एकड़
इसमें 1000 एकड़ में कारखाना
करीब 2500 एकड़ में टाउनशिप के आवास, मार्केट, हास्टल आदि बने हुए हैं।
करीब 1000 एकड़ में जम्बूरी मैदान की खाली जमीन है।
बाउंड्री दीवार अधिकांश एरिया में-30 करोड़ की लागत से बनी
एक दर्जन से अधिक स्थानों पर तो दी गई दीवार
दीवार बनाने के पीछे मुख्य उ²ेश्य भेल की जमीन की सीमाओं का सुरक्षित करना था। दीवार तोडऩे व इसका बिना परमिशन उपयोग करने पर भेल प्रबंधन कार्रवाई करेगा। नगर निगम ने कुछ स्थानों पर दीवारों पर पेंटिग करवाई है, स्वच्छता अभियान के तहत की गई व्यवस्था की जानकारी है। असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए पूरे टाउनशिप में सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। कई मामलों में पुलिस की भी ममद ली जाती है।
विनोदानंद झा, डीजीएम व प्रवक्ता भेल