मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना असाध्य बीमारी नहीं है। हम सावधानी रखकर इसे आसानी से हरा सकते हैं। हमें कोरोना के मरीजों के उपचार के साथ ध्यान देने, उन्हें आराम देने और प्यार देने की जरूरत है। सबसे सरल और आसान उपाय अपनापन और प्यार के साथ बीमारी का उपचार करना है। कोरोना स्वयं कोई मारक रोग नहीं है। यह घातक तब हो जाता है, जब मरीज किसी अन्य बीमारी से भी ग्रसित हो। उन्होंने कोरोना पीड़ितों से अपने आत्मबल को मजबूत बनाने की अपील की, जिससे कोरोना को आसानी से हराया जा सके। मंत्री डॉ. मिश्रा ने चिरायु अस्पताल के सीएमडी डॉ. अजय गोयनका की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि आज देश में ऐसा कोई अस्पताल नहीं है जहाँ इतनी अधिक संख्या में मरीजों के भर्ती होने के बाद एक प्रतिशत से भी कम की मृत्यु दर दर्ज की गई हो। उन्होंने कहा कि यह डॉ. गोयनका और उनकी टीम के निरंतर अथक परिश्रम का प्रतिफल है।
भारतीय संस्कृति से टूटेगा कोरोना का चक्र मंत्री डॉ. मिश्रा ने चिरायु अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान जिस प्रकार से लोगों ने अपनी सेवाएँ दी हैं वह अकल्पनीय है। सभी ने हर स्तर पर हर संभव मदद की है। भारतीय संस्कृति से ही हम कोरोना को हराने में सफल हुए हैं। तुलसी की चाय हो या काली मिर्च का काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कारगर उपाय है। कोरोना का प्रभाव अब-तक गाँवों में असर नहीं दिखा पाया है। कोरोना का असर शहरी क्षेत्रों में ही दिखाई दिया है। यह सब भारतीय संस्कृति का प्रभाव है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि सावधानियाँ नहीं बरतने पर कोराना का असर हुआ है। गाँव में सावधानियाँ बरती जा रही हैं और कोरोना बेअसर हो रहा है।
बेहतर इलाज के लिये अस्पताल और सरकार की सराहना कोरोना संक्रमित धनराज खंडेलवाल ने मध्यप्रदेश सरकार और चिरायु अस्पताल द्वारा उपचार के लिये की गई बेहतर व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में मरीजों का ठीक होना इसलिये संभव हो सका। वही एक औऱ कोरना पीड़ित रानी समतानी ने कहा कि वे जिन्दगी की जंग जीतने आई थीं और आज सरकार और डॉक्टरों की मदद से जंग जीतकर जा रही है। डॉ. नीतू सिंह ने भी अपने पिताजी के स्वस्थ होने पर धन्यवाद दिया।