mp.patrika.com पर आपको बताने जा रहा है कि ऐसी लापरवाही पहली बार नहीं हुई है। हर साल कहीं न कहीं ऐसी घटना हो जाती है। हर बार प्रशासन की लापरवाही ही सामने आती है। जांच के आदेश दिए जाते हैं, लेकिन कभी किसी पर कार्यवाही होती हो।
सागर में 26 नवंबर 2017 की काली रात
सागर से करीब 40 किलोमीटर दूर राहतगढ़ तहसील के जरुवाखेड़ा के पास जलंधर गांव के एक तालाब में 26 नवंबर 2017 रविवार की रात काली साबित हुई। यहां के निवासी युवक नाव में पानी भरने से डूब गए थे। किसी तरह तीन युवक तालाब से बाहर निकल आए, लेकिन तैरना न आने से एक गहराई में डूब गया। तीनों युवक पिकनिक मनाने गए थे। अगले दिन सोमवार सुबह पुलिस की सूचना पर दोपहर में पहुंचे गोताखोर दल ने सर्चिंग शुरू की, लेकिन घंटों गुजरने के बाद भी युवक नहीं मिला। चकराघाट-बरियाघाट के सौरभ सोनी, राहुल सोनी व अमित दुबे जलंधर गांव गए। उन्होंने अपने दोस्त नरेश अहिरवार के साथ पिकनिक मनाई। साथ में शराब पीकर नाव में घूमने का प्लान बनाया। इनमें से सौरभ सोनी का शव 1 दिसंबर की सुबह मिला था। यहां प्रशासन ने पिकनिक स्पाट पर नजर नहीं रखी, न ही शराब पीकर नाव में घूमने वालों को टोका।
20 जून 2019 को दहल गया था सिवनी
सिवनी। विकासखण्ड घंसौर के किंदरई थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत धूमामाल के ग्राम बखारी से नर्मदा नदी पार करने के लिए नाव से 14 लोग जा रहे थे। नाव में क्षमता से ज्यादा लोग थे। नौ लोगों की जान बच गई वहीं चार महिलाएं व एक सात साल के बालक की मौत हो गई। बुद्धोबाई पति महेन्द्र सिंह मरावी (40) निवासी ग्राम घोटखेड़ा थाना टिकरिया मंडला, धनियाबाई पति कल्लू सिंह मरावी निवासी घोटखेड़ा (45), कलावती पति जयसिंह (35) निवासी ग्राम दगला थाना बीजाडांडी (मंडला), लालती पति नरेश गोंड निवासी (45) निवासी दगला, देवराज पिता नरेश गोंड (7) निवासी दगला के शव अगले दिन बरामद हुए।
23 नवंबर 2018 को बालाघाट में हुआ था हादसा
बालाघाट। जिले के खैरलांजी थाना क्षेत्र अंतर्गत टेमनी गांव में 23 नवंबर 2018 की शाम वैनगंगा नदी में नाव पलट जाने से एक मासूम सहित तीन लोगों की मौत हो गई। 6 को बचा लिया गया था। घटना में नाव में सवार आशीष पिता अशोक मारबोदे (30) निवासी चाचेर मौदा जिला भंडारा (महाराष्ट्र), डेढ़ वर्षीय मासूम अक्षय उर्फ दादू पिता आशीष मारबोदे और शीतल पिता कोमल बांगड़े (14) की पानी में डूब जाने से मौत हो गई थी।
सभी टेमनी नदी घाट के उस पार स्थित गोंडरानी में कार्तिक पूर्णिमा पर लगे मेले में शामिल होने गए थे।
मंदसौर में दो महिलाओं की मौत
मंदसौर। 20 अप्रैल 2017 के दिन गांधीसागर जलाशय में नाव पलटने से 6 महिलाएं डूब गईं थीं। इनमें से दो महिलाओं की मौत हो गई। नाव का परमिट नहीं था। शामगढ़ से करीब 25 किलोमीटर दूर चंबल नदी किनारे स्थित ग्राम बकाना की छह महिलाएं नाव से जलाशय पार खरबूजे की खेतों में काम करने गई थीं। शाम को गांव लौट रही थीं। नाव को महिलाएं ही चला रही थी। अचानक नाव का संतुलन बिगड़ा, इससे नाव पलट गई। हुडीबाई, शांति बाई ने खुद को बचाया और कमलाबाई बगदीबाई को भी बाहर निकाला। शाणीबाई और प्रेमबाई की डूबने से मौत हो गई।
6-7 जनवरी 2019 की काली रात
दमोह। रनेह थानांतर्गत बिजवार गांव में व्यारमा नदी पार करते समय नाव पलटने से लखन वर्मन पिता गोरेलाल वर्मन (40) की मौत हो गई। वह बिजवार गांव से तेरहवीं में शामिल होने के बाद खुद नाव चलाते हुए नदी पार कर घर जा रहा था। शराब के नशे में होने के कारण नाव से नियंत्रण खो बैठा और नदी में डूब गया।
नर्मदा में डूब गई थी नाव
रायसेन। जिले के देवरी घाट पर नर्मदा नदी में नाव पलटने से तीन लोग डूब गए। 14-15 अप्रैल 2016 की रात नरसिंहपुर जिले की सीमा से लगे साईंखेड़ा पुलिस थाना क्षेत्र स्थित सिद्धघाट में अष्टमी का हवन-पूजन करने के लिए लोग जमा हुए थे। पूजन के बाद कुछ लोग जब नाव से घर जा रहे थे, तभी नाव अनियंत्रित होकर पलट गई। घटना में राजेश कौरव, अजय कौरव और अखिलेश सोनी की डूबने से मौत हो गई।
जबलपुर में 7 लोगों की हुई थी मौत
जबलपुर में मकर संक्रांति के दौरान 15 जनवरी 2012 में नर्मदा तट ग्वारीघाट में ओवरलोडिंग के कारण एक नाव डूब गई थी। नाव में 20 लोग सवार थे। जिनमें से 7 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी। 13 लोगों को स्थानीय गोताखोरों ने बचा लिया था।
उज्जैन में विसर्जन के दौरान एक की मौत
उज्जैन। लगातार बारिश के कारण जिले के अधिकांश नदी-नाले उफान पर हैं। इसके चलते हादसों की संख्या भी बढ़ी है। बीते चार दिनों में डूबने के कारण तीन लोगों की मौत हुई है। इसमें से एक गणेश प्रतिमा विसर्जन दौरान हुई है। उज्जैन जिले की तराना तहसील मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित कनासिया में गणेश मूर्ति विसर्जन करने गया एक युवक खदान में डूब गया। मूर्ति विसर्जन करने गए शीतल (22) पिता सोहनलाल निवासी ग्राम बरंडवा कनासिया स्थित खदान में डूब गया। वह सशिमं में आचार्य था।