पुलिस ने बताया कि इलाके के हर्राखेड़ा निवासी कालूराम अहिरवार (45) कृषक थे। कालूराम 11 अक्टूबर को खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान जंगल की ओर से आए एक सियार जैसे वन्य प्राणी ने अचानक उन पर हमला कर दिया। वन्य प्राणी ने कालूराम की बाएं हाथ की कोहनी और सिर पर काट लिया। घाव ज्यादा गहरा नहीं होने के चलते कालूराम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और घर पर रहा। लेकिन दो दिन बाद 13 अक्टूबर को उसकी हालत बिगड़ गई। परिजनों ने उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन 14 अक्टूबर के तड़के उसकी मौत हो गई।
वन विभाग ने मांगी रिपोर्ट बैरसिया रेंजर नरेन्द्र चौहान ने बताया कि, मामले की सूचना मिलने पर रिपोर्ट मंगाई है। वनकर्मियों ने मृतक के बेटे नरेश अहिरवार से बयान लिए जिसमें उसने बताया कि, पिता को 11 अक्टूबर सियार जैसे वन्यप्राणी ने काटा था, दो दिन बाद अचानक उनकी हालत बिगड़ी। कालूराम को वन्य प्राणी ने काटा था, ऐसे उसकी मौत का कारण पीएम रिपोर्ट से स्पष्ट हो पाएगा।
वन विभाग देता है नगद सहायता, सूचना दें,अस्पताल में दिखाएं
वन क्षेत्र से लगे खेतों में काम के दौरान कई बार किसानों का सामना वन्य प्राणियों से हो जाता है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में वन विभाग के स्थानीय कर्मचार, नाकेदार किसी को भी सूचना दें, लेकिन सूचना जरूर दी जानी चाहिए। पीडि़त को सरकारी अस्पताल ले जाकर इलाज कराएं। वन्य प्राणियों के हमले में घायलों को तत्काल नगद सहायता दी जाती है, इसके बाद इलाज के दौरान हुआ खर्च भी शासन की ओर से दिया जाता है।
वन क्षेत्र से लगे खेतों में काम के दौरान कई बार किसानों का सामना वन्य प्राणियों से हो जाता है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में वन विभाग के स्थानीय कर्मचार, नाकेदार किसी को भी सूचना दें, लेकिन सूचना जरूर दी जानी चाहिए। पीडि़त को सरकारी अस्पताल ले जाकर इलाज कराएं। वन्य प्राणियों के हमले में घायलों को तत्काल नगद सहायता दी जाती है, इसके बाद इलाज के दौरान हुआ खर्च भी शासन की ओर से दिया जाता है।