गौरतलब है कि भोपाल में 2-3 दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसने वाली जहरीली गैस की चपेट में आने से हजारों लोग पिछले करीब साढ़े तीन दशक से तमाम स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। मिल रही जानकारी के अनुसार, भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक पांच व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और ये पांचो भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे।
जानकारी के अनुसार, भोपाल में पांच अप्रैल को जिस पहले 55 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत हुई थी वह भोपाल गैस त्रासदी में गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे और उन्हें लम्बे समय से फेफड़े की समस्या थी। उन्होंने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ा।
इसके अलावे जिस दूसरे व्यक्ति की मौत हुई वह 80 साल के भेल के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। वह भी भोपाल गैस पीड़ित थे और बीएमएचआरसी अस्पताल में गैस पीड़ितों का इलाज बंद होने के कारण अपना इलाज नहीं करा पा रहे थे। उन्होंने आठ अप्रैल को अंतिम सांस ली और 11 अप्रैल को आई उनकी कोविड-19 की रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
जानकारी के अनुसार, 40 वर्षीय जिस तीसरे मरीज की भोपाल में मौत हुई, वह भी भोपाल गैस पीड़ित थे। एक साल से मुंह के कैंसर से भी पीड़ित थे। उनकी मौत 12 अप्रैल को हुई और उसी दिन उनकी रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। संक्रमण से जान गंवाने वाले चौथे व्यक्ति भी गैस पीड़ित थे। 52 वर्षीय वह व्यक्ति टीबी रोगी थे। उनकी मृत्यु 11 अप्रैल को सरकारी हमीदिया अस्पताल में हुई।
भोपाल में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले पांचवे व्यक्ति भी गैस पीड़ित थे। वह 75 वर्ष के वरिष्ठ पत्रकार थे। उनकी मृत्यु 11 अप्रैल को हुई। उनमें संक्रमण की पुष्टि 14 अप्रैल को आई रिपोर्ट में हुई। गैस पीड़ितों के लिए पिछले तीन दशक से अधिक समय से काम कर रहे संगठनों का दावा है कि इस त्रासदी में अब तक 20000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं और लगभग 5.74 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
गौरतलब है कि भोपाल में अब तक 158 मरीज कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। मध्य प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों की तादाद 878 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी हैए जिनमें से इंदौर में 37, उज्जैन में 6, भोपाल में 5, खरगोन में 3 और छिंदवाड़ा और देवास में एक-एक मौत के मामले शामिल हैं। इंदौर शहर में अब तक सर्वाधिक 548 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से 24 जिलों में इस महामारी ने अपने चपेट में ले लिया है।