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भोपाल

हॉस्टल नहीं वो नर्क था, हमें छोटे कपडे पहनने को मजबूर किया गया

पीडिताओं की आपबीती : भोपाल छात्रावास में भोगी यातनाएं बयां की

भोपालAug 11, 2018 / 07:46 am

dinesh Binole

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bhopal rape case

भोपाल. राजधानी में अश्विनी शर्मा के छात्रावास में मूक-बधिर आदिवासी युवतियों से यौन शोषण की जांच एसआईटी करेगी। यह विशेष जांच दल छात्रावास में तीन साल के दौरान रही सभी 21 युवतियों की तलाश कर उनकी व्यथा जानेगा। पुलिस जांच में सामने आया है कि छात्रावास संचालक अश्विनी युवतियों को पोर्न फिल्म दिखाता था, फिर उन्हें यौन शोषण के लिए मजबूर करता था।

इस मामले की जांच को गठित एसआईटी में एसपी साउथ राहुल लोढ़ा, दो एएसपी, दो सीएसपी और एक महिला सब-इंस्पेक्टर होंगे। आइजी जयदीप प्रसाद ने सुबह अवधपुरी के क्रिस्टियल आइडियल सिटी के उस छात्रावास का भी निरीक्षण किया, जहां युवती से दुष्कर्म हुआ था। आरोपी अश्विनी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। उसे सोमवार तक पुलिस को रिमांड पर दे दिया गया।

यह भी सामने आया कि आरोपी युवतियों को अलग-अलग छात्रावासों में ठहराता था। आशंका है, इनमें से कई युवतियां उसकी घिनौनी हरकतों का शिकार हुई हैं। अभी एक पीडि़ता ने दुष्कर्म और दो बहनों ने छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया है। चौथी युवती की काउंसलिंग जारी है। कांग्रेस ने जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

नौकरों जैसा व्यवहार, छोटे कपड़े पहनने को कहता
इं दौर में अश्विनी के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने वाली मूक बधिर बहनों ने आपबीती में छात्रावास का भयावह दृश्य बयान किया है। दोनों ने यहां अपने शिक्षकों को इशारों में उन यातनाओं का जिक्र किया, जो एक साल से भुगत रहीं थी। युवतियों के अनुसार अश्विनी छात्रावास में पूरे समय लड़कियों के इर्द-गिर्द घूमता था।

विरोध करने पर मारपीट करता था। वह लड़कियों को मोबाइल पर पोर्न फिल्में दिखाकर यौन शोषण के लिए उकसाता था। युवतियों को छोटे कपड़े पहनने को मजबूर करता। बार-बार उनके शरीर को छूने के प्रयास में रहता। अश्विनी कमरे में बैठकर युवतियों को अपने पास आने के लिए अश्लील इशारा करता।

छुट्टियों के दौरान युवतियों के माता-पिता जब उन्हें लेने आते तो सिलाई प्रशिक्षण या अन्य कोई वजह बताकर छात्रावास में ही रोक लेता। उन्हें घर भी नहीं जाने देता। दोनों बहनों के अलावा दो अन्य युवतियों को बंधक की तरह रखा। उन्हें छात्रावास का खाना बनाने से लेकर साफ-सफाई कराने के लिए विवश करता। पुलिस में शिकायत करने की बात पर वह पीडि़ताओं को जान से मार देने की धमकी देता।

अश्विनी बन गया था हॉस्टल माफिया

आरोपी सामाजिक न्याय विभाग में अपने रसूखों से हॉस्टल ‘माफियाÓ बन गया था। वह पिपलानी में एक नया हॉस्टल खोलने की तैयारी में था। पुलिस के अनुसार अधिकारी नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना में आइटीआइ में दाखिला लेने वाली युवतियों को उसके छात्रावास में भेजते थे। पुलिस ने सामाजिक न्याय विभाग और आइटीआइ के तीन अधिकारी-कर्मचारी तथा उज्जैन की शासकीय दिव्यांग शाला की शिक्षिका की भूमिका की जांच शुरू की है।
सरकार से किराए के रूप में प्रत्येक छात्रा को प्रतिमाह 4 हजार रुपए मिलते थे, जो अश्विनी तक सीधे पहुंचते थे। अश्विनी ने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसने आरती से लव मैरिज की। वह सुहागपुर का रहने वाला है।
बालिका आश्रय गृहों की नई नीति बनाओ : सीएम

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, डीजीपी और सामाजिक न्याय-महिला बाल विकास के अफसरों से रिपोर्ट ली। 28 अगस्त तक बालिका आश्रय गृह और अनाथालयों के निरीक्षण को कहा है। उन्होंने निगरानी नीति बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर से सोमवार तक रिपोर्ट मांगी है।
आरोपी को दिया जा रहा है संरक्षण : कमलनाथ

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम को पत्र लिखकर कहा, आरोपी को राजनीतिक संरक्षण है। पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। उन्होंने कहा, सरकार एनजीओ को मदद दे रही है, लेकिन इनकी जांच नहीं कर रही।
पुलिस जुटा रही कॉल डिटेल

पुलिस को आशंका है, आरोपी के अधिकारियों और राजनेताओं से संबंध हो सकते हैं। उसकी कॉल डिटेल और मददगारों के नाम जुटाए जा रहे हैं।

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