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भोपाल

सोलर एनर्जी से दौडगी मेट्रो, , सरकार ने तय किया मॉड्यूल

– प्रदेश के सोलर प्लांट से ही मिलेगी बिजली- पहले से तय रहेगा पूरा कोटा, सहमति बनी

भोपालOct 29, 2019 / 11:27 am

जीतेन्द्र चौरसिया

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भोपाल। कमलनाथ सरकार ने भोपाल और इंदौर मेट्रो का संचालन मॉड्यूल तय कर दिया है। इसके तहत दोनों शहरों में मेट्रो सोलर एनर्जी से चलेगी। यह सोलर एनर्जी प्रदेश के ही सोलर प्लांट से मिलेगी। इसके लिए नवकरणीय ऊर्जा विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग में सहमति बन गई है। इसके तहत पहले से सोलर एनर्जी का भोपाल-इंदौर मेट्रो के लिए कोटा फिक्स रहेगा। दरअसल, दोनों शहरों में मेट्रो के शिलान्यास के बाद सरकार ने इसके संचालन को लेकर लक्ष्य पूरे करने काम की रफ्तार तेज कर दी है।

कमलनाथ सरकार ने 2022-23 तक भोपाल-इंदौर मेट्रो का एक रूट चालू करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत पहले रूट को शुरू करने नए लक्ष्य तय करके काम हो रहा है। इस कारण अब इसके संचालन को लेकर एनर्जी मॉड्यूल व बाकी पहलुओं पर भी काम शुरू हो गया है। तकनीकी तौर पर अभी से मेट्रो के रूट संचालन को लेकर प्लानिंग शुरू कर दी गई है। रीवा सोलर प्लांट 750 मेगावाट का है, जिससे एनर्जी बिक्री को लेकर सारे अनुबंध हो रहे हैं।

 

अभी इस प्लांट से 730 मेगावाट सोलर एनर्जी मिल रही है। इसके अलावा नीमच, सागर, छतरपुर और आगर-मालवा में सोलर प्लांट लग रहे हैं। इस कारण राज्य सरकार ने भोपाल-इंदौर मेट्रो के लिए भी सोलर एनर्जी का कोर्ट फिक्स कर दिया है। दोनों मेट्रो के लिए प्लांट उत्पादन की तुलना में बेहद तक एनर्जी लगना है, इस कारण सरकार के लिए यह मुश्किल नहीं है। इस कारण इन सभी प्लांट्स से बिक्री के लिए कस्टमर तय करने की प्रक्रिया में शेड्यूलिंग शुरू कर दी गई है।

शुरूआती एनर्जी डिमांड कम रहेगी-
जयपुर मॉडल पर भोपाल-इंदौर मेट्रो रहेगी। शुरूआत में तीन कोच ही दोनों शहरों में लगाए जाएंगे। इस कारण सोलर एनर्जी की शुरूआती मांग बेहद कम रहेगी। फिर ट्रॉफिक बढऩे के हिसाब से कोच बढ़ाए जाएंगे। इसके साथ ही एनर्जी डिमांड भी बढ़ेगी, जिसके चलते अलग-अलग प्लांट से एनर्जी दी जाएगी। दोनों शहरों में रूट भी धीरे-धीरे बढ़ाए जाएंगे।


अभी दिल्ली मेट्रो को दे रहे एनर्जी-

वर्तमान में दिल्ली मेट्रो को मध्यप्रदेश के रीवा सोलर प्लांट से सोलर एनर्जी दी जा रही है। दिल्ली मेट्रो की करीब 80 फीसदी एनर्जी रीवा से जाती है, बाकी बची हुई 20 फीसदी एनर्जी भी मध्यप्रदेश ही दिल्ली एनर्जी कारपोरेशन से खरीदकर देता है। इसी कारण मेट्रो के लिए सोलर एनर्जी मॉड्यूल ही मध्यप्रदेश को बेस्ट लगा है।

 

मेट्रो एक नजर में-
– भोपाल में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। एक कॉरीडोर करोंद सर्कल से एम्स तक जाएगा। इसकी लंबाई 14.99 किलोमीटर होगी। दूसरा कॉरीडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक जाएगा, जो करीब 12.88 किलोमीटर लंबा होगा. भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 6,941 करोड़ 40 लाख रुपए आएगी।

– इंदौर में मेट्रो में 31.55 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर रहेगा। कॉरीडोर रिंग रोड पर बंगाली चौराहे से विजयनगर, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगा। खंडवा रोड भंवर कुआ से लेकर भौराशाला-अरविंदो तक रूट रहेगा। इस परियोजना की कुल लागत करीब 7,500 करोड़ 80 लाख रुपए आएगी। दोनों ही शहरों में मेट्रो का शुभारंभ सीएम कर चुके हैं।

इनका कहना-
भोपाल-इंदौर मेट्रो को सोलर एनर्जी प्रदेश के ही प्लांट से देना है। प्रदेश में सोलर एनर्जी उत्पादन बेहद अच्छी स्थिति में हैं। हमारे कई प्लांट और बन रहे हैं, इसलिए जब भी मेट्रो शुरू होगी, तब उसके लिए एनर्जी दी जाएगी।

मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, नवकरणीय ऊर्जा विभाग, मप्र

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