इससे पहले दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं कल मतगणना स्थल पर ही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जीत की बधाई दे चुका हूं।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम भारतीय परंपराओं के अनुसार जनादेश को स्वीकार करते हुए केवल एक बात कहना चाहता हूं कि मुझे एक बात की चिंता होती है कि आज इस देश में महात्मा गांधी के हत्यारों की विचारधारा जीत गई। यही सबसे बड़ा चिंता का विषय है।
और क्या बोले दिग्विजय
-मैं हालांकि चुनाव नहीं जीत पाया, लेकिन मैंने जो-जो भी वायदे किए हैं, भोपाल की जनता से, निजी तौर पर उन सभी को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा। और, मेरी यह कोशिश रहेगी कि जो भी हमने वायदे किए हैं, उन सभी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने मुझे आश्वास्त किया है। मैं भोपाल की जनता के बीच रहकर उन सभी वायदों को पूरा करूंगा, यही मेरा संकल्प होगा।
यह बड़ा आश्चर्य है
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह आश्चर्य है कि 2014 में जब चुनाव हुआ तो नारा था 280 पार। वो लक्ष्य भी इन्होंने पा लिया। इस बार नारा था 300 पार, तो पार हो गया। ऐसी कौनसी जादू की छड़ी है। उन्होंने भाजपा की जीत पर संदेह व्यक्त किया।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पेटियां खोलने तक कोई नहीं कहता था कि मैं चुनाव हार रहा हूं। यहां तक भाजपा के लोगों के भी बधाई मैसेज मेरे पास आए है।
-राष्ट्रवाद के हावी होने के प्रश्न पर दिग्विजय ने कहा कि मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, क्योंकि काफी चर्चा हो चुकी है।
देश भी इसी रास्ते पर चले
-इस देश की संस्कृति, प्रेम और सद्भाव है। हम लोगों ने हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया। इसलिए कांग्रेस पार्टी के पास केवल एक ही मूल मंत्र है। सत्य, अहिंसा प्रेम और सद्भाव। हम इसी रास्ते पर जाएंगे और देश भी इसी रास्ते पर चले।
प्रचार कुछ आंकड़े कुछ
-जिस प्रकार के प्रचार माध्यम से जिस प्रकार से प्रचार हुआ। देश को बचाना है। मोदी केवल बचा सकता है। इस प्रकार का जो प्रचार हुआ, जबकि आंकड़े कुछ और बताते हैं। इन पांच सालों में जितने हमारे सेना के अधिकारी शहीद हुए हैं। उतने कभी नहीं हुए। और इसकी वजह से यह नहीं कहा जा सकता है कि मोदी सरकार का आतंकवादियों से लड़ने का ट्रेक रिकार्ड बहुत अच्छा है।